अभी हाल ही में 1 दिसंबर को ‘वर्ल्ड एड्स डे’ सेलिब्रेट किया गया जहां विश्वभर में लोगों को एड्स से जुड़ी जानकारियां दी गईं। विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। वर्ष 2018 में विश्व एड्स दिवस की थीम ‘अपनी स्थिति जानें‘ है। इसका मतलब यह है कि हर इंसान को अपने एचआईवी स्टेटस की जानकारी होनी चाहिए। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है।
मिजोरम में सबसे ज़्यादा मरीज़
मिजोरम में सबसे ज़्यादा एचआईवी एड्स मरीज़ पाए गए हैं। 11.2 लाख आबादी वाले इस प्रदेश में करीब 18,081 लोग एचआईवी संक्रमण से ग्रसित हैं। वर्ष नवंबर 2017 तक एचआईवी से 14,632 लोग ग्रसित थे। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की ओर से जारी की गई एचआईवी अनुमान रिपोर्ट 2017 के अनुसार, मिजोरम उन पांच राज्यों में शामिल है जहां एचआईवी एड्स पेशेंट्स की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है।
इसके अलावा आपको बता दें इंडियन एचआईवी एस्टिमेशन्स 2017 की टेक्निकल रिपोर्ट के अनुसार एचआईवी संक्रमण के मामले में मिजोरम देश में पहले स्थान पर है।
इन कारणों से होता है एड्स
- असुरक्षित यौन संबंध
- संक्रमित खून चढ़ाने से
- एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सूई को दूसरी बार यूज़ करने से
- इन्फेक्टेड ब्लेड यूज़ करने से
एड्स के लक्षण
- बुखार
- पसीना आना
- ठंड लगना
- थकान
- भूख कम लगना
- वजन घटना
- उल्टी होना
- गले में खराश रहना
- दस्त होना
- सांस लेने में समस्या
- शरीर पर चकते होना
- स्किन प्रॉब्लम
हमारे समाज में एचआईवी एड्स को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जाती हैं। आज ज़रूरत है कि एचआईवी पेशेंट्स इन अफवाहों से खुद को दूर रखते हुए अच्छे डॉक्टर की सलाह लेकर समय से दवाई लें। ऐसा करने से एचआईवी एड्स पेशेंट्स की परेशानियां नियंत्रण में रहेगी।
बदलते वक्त के साथ एड्स पेशेंट्स के प्रति लोगों की सोच में भी तब्दीली आनी चाहिए। एड्स पेशेंट्स को आपकी सहानुभूति की ज़रूरत नहीं है बल्कि उन्हें एक ऐसा माहौल दें जहां उन्हें इस बीमारी के साथ लड़ने की ताकत मिले। यदि लोगों की नकारात्मक सोच एड्स पेशेंट्स पर लगातार हावी होती रहेगी, तब वह दिन दूर नहीं जब उनके हौसले भी कमज़ोर पड़ने लगेंगे।