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आरटीआई एक्टिविस्ट कासिम सैफ़ी की हत्या, लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या है। सलीम बैग

मुहम्मद आदिल मुरादाबाद दिनाँक 19/01/19

वरिष्ठ आरटीआई एक्सपर्ट एवं रिसर्चर ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट सलीम बेग, एवं वरिष्ठ लेखक एवं समाजसेवी राशिद सैफ़ी अपनी टीम के साथ पाकबड़ा में आरटीआई एक्टिविस्ट कासिम सैफ़ी के घर पहुंचे, एवं कासिम सैफ़ी के परिजनों से कासिम की हत्या से संबंधित एवं कासिम के द्वारा डाली गई आरटीआईओं से सम्बन्धित विस्तार से जानकारी ली। इस बारे विस्तार से बात करते हुए सलीम बेग ने बताया कि कासिम सैफ़ी की हत्या सिर्फ़ एक इंसान की हत्या नहीं बल्कि लोकतंत्र की हत्या है एवं इस देश के हरेक नागरिक के उस अधिकार की हत्या है जो संविधान ने हमारे देश के नागरिकों को सूचना के अधिकार नामक कानून के रूप में दिया है।

सलीम बैग ने मानव अधिकार एक्टिविस्टों के साथ मृतक के परिवार से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली

उन्होंने कहा कि हम कासिम सैफ़ी की हत्या के मुद्दे को अब लखनऊ एवं दिल्ली में उठायेंगे। और क्योंकि कासिम सैफ़ी ने इस देश से भ्रष्टाचार मिटाने की ख़ातिर, एवं लोकतंत्र में हर नागरिक के अधिकारों एवं सम्मान की रक्षा की ख़ातिर अपनी जान दी है इसलियें हम केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से कासिम सैफ़ी को शहीद का दर्जा देने एवं उनके परिवारवालों को कम से कम एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने एवं कासिम की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग करेंगे जिससे कि उसके मासूम बच्चे और विधवा पत्नी का भविष्य सुरक्षित हो सके। साथ ही हम सरकार से मांग करेंगे कि व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट 2014 को तुरन्त नियम के लियें नोटिफिकेशन के लियें जारी किया जाये जिससे कि आरटीआई एक्टिविस्टों को सुरक्षा प्रदान की जा सके और आये दिन आरटीआई एक्टिविस्टों की हो रही हत्याओं पर लगाम लग सके।।
इस मौके पर टीम के ये सभी सदस्य मौजूद रहे सलीम बेग, राशिद सैफ़ी, महबूब आलम एडवोकेट, रियाज़ अहमद एडवोकेट, आसिफ़ कुरैशी, राकेश कुमार, महेंद्र सिंह, मोहसिन अंसारी, आस मोहम्मद, मो0 फईम आदि उपस्थित रहे।

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