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पिछले पांच सालों से ‘मर्द’ की असली परिभाषा बता रहे हैं फरहान अख्तर

बॉलीवुड में कलाकार तो बहुत से हैं मगर वो कलाकार जिन्हें मल्टी टैलेंटेड कहा जा सके, कम ही मिलेंगें। किसी को एक्टिंग का पैशन है, तो किसी का डायरेक्शन कमाल का है। फरहान अख्तर एक ऐसा नाम है, जिनके लिए कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। फरहान सिर्फ अपनी एक्टिंग के लिए ही नहीं बल्कि डायरेक्शन, फिल्म प्रोड्यूसिंग, सिंगिंग, राइटिंग जैसे कई कामों के लिए मशहूर हैं। तभी तो मल्टी टैलेंटेड आर्टिस्ट का टैग उन्हें दिया गया है।

फरहान आम कॉन्सेप्ट से हटकर फिल्मों में काम करने और उसी तरह की फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। उनके डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘दिल चाहता है’ और’ लक्ष्य’ इसका एक उदाहरण है। वहीं ‘ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा’, ‘रॉक ऑन’ जैसी फिल्मों में भी उन्होंने अपनी एक्टिंग से सबको अपनी एक और खासियत का नमूना दिया। 9 जनवरी 1974 को जन्मे फरहान ने हाल ही में अपना 45वां जन्मदिन मनाया है। आपको बता दें कि फरहान महिला सुरक्षा के मामले में भी आगे रहते हैं।

रेप और डिस्क्रिमिनेशन के खिलाफ छेड़ी मुहीम-

बहुत कम लोग जानते हैं कि फरहान ने साल 2013 में एक खास इनिशिएटिव शुरू किया था, जिसका नाम है, मर्द (मैन अगेंस्ट रेप एंड डिस्क्रिमिनेशन)। अपने इस प्रयास के ज़रिये वह समाज में रेप और जेंडर डिस्क्रिमिनेशन के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास करते हैं। वहीं वह पिछले काफी समय से अपने म्यूज़िक बैंड फरहान अख्तर लाइव के ज़रिये भी इस विषय के बारे में लोगों और खासतौर पर युवाओं के बीच अवेयरनेस फैलाने का प्रयास करते हैं।

इस इनिशिएटिव को काफी क्रिएटिव अंदाज़ में लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां एक ओर वो अपने म्यूज़िक बैंड का इस्तेमाल कर लोगों तक पहुंच रहे हैं, वहीं इसके लिए जावेद अख्तर ने एक कविता भी लिखी थी, जिसे फरहान की आवाज़ में मर्द के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल से शेयर किया गया था। यह कविता बता रही है कि एक सच्चा और अच्छा मर्द वही होता है, जो महिलाओं की इज्ज़त करना जानता है। यहां देखिए इस कविता की खास पंक्तियां :

जिसकी आंखों में है, जगमगाती हुई जैसे गहरी शराफत की एक रौशनी,

जिसके अंदाज़ में एक तहज़ीब है,

जिसके लहज़े में नर्मी है, शब्दों में तमीज़ है,

जिसके दिल में भी और जिसकी बातों में भी,

औरत के वास्ते पूरी इज़्जत भी है और पूरा आदर भी है,

जिसको औरत के तन-मन का और जीवन का सम्मान है,

औरत के आत्मसम्मान का जिसको हर एक पल ध्यान है,

जो कभी एक पल भी नहीं भूलता, औरत इंसान है,

जिसको अपनी भी पहचान है,

जिसमें शक्ति भी ​है, जिसमें हिम्मत भी है,

जिसमें गौरव भी है, आत्मविश्वास भी है

जो अगर साथ है, जो अगर पास है,

उसके होने से औरत को अपनी सुरक्षा का एहसास है,

वो जो औरत का एक सच्चा साथी है, इक दोस्त है, एक हमदर्द है,

सच तो ये है, वही मर्द है।

इस घटना ने किया था कुछ करने को मजबूर

बता दें कि फरहान ने यह कैम्पेन पल्लवी पुरकायस्था के साथ अगस्त 2012 में हुई घटना से प्रभावित होकर शुरू किया था। दरअसल, पल्लवी मुम्बई की रहने वाली एक वकील थीं, जिन्हें अपनी ही बिल्डिंग के वॉचमैन की हैवानियत का शिकार होना पड़ा था और जब उन्होंने खुद को बचाने का प्रयास किया तो वॉचमैन ने उनकी अमानवीय ​हत्या कर दी थी। इस घटना ने काफी लोगों के मन में सवाल पैदा कर दिए थे, जिसके बाद फरहान ने यह कैम्पेन शुरू किया।

वहीं पिछले साल नवंबर में फरहान ने एक शॉर्ट फिल्म भी रिलीज़ की थी। ‘शी’ नाम से रिलीज़ हुई इस फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है कि एक लड़की दिनभर में किस-किस तरह के लोगों से सामना करती है। फिल्म में एक लड़का, लड़की के गेटअप में सड़क पर निकलता है। इसके बाद उसे यौन शोषण, भद्दे कमेंट्स जैसी कई चीज़ों का सामना करना पड़ता है, जो कि उसे एहसास कराता है कि लड़कियों के लिए इन सबका सामना करना मुश्किल होता है।

 

इस शॉर्ट फिल्म को भी दर्शकों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला। एक तरफ जहां मीटू मूवमेंट ने इंडस्ट्री के कई लोगों की असलियत सबके सामने ला दी है, वहीं फरहान जैसे कुछ लोग भी हैं, जो बदलाव की उम्मीद के साथ मर्द तैयार कर रहे हैं। वैसे वर्क फ्रंट की बात करें तो फरहान जल्द ही ‘दी फकीर ऑफ वेनिस’ और ‘द स्काई इज़ पिंक’ जैसी फिल्मों में नज़र आएंगें। वहीं शाहरुख को लेकर वो डॉन फ्रेंचाइज़ी की तीसरी फिल्म ‘डॉन 3’ भी डायरेक्ट करने जा रहे हैं।

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फोटो सोर्स- फेसबुक

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