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क्या लोगों को हिंसक बना सकता है PUBG गेम?

PUBG अर्थात प्लेयर अननोन बैटल ग्राउंड्स, इससे आज कल स्मार्टफोन रखने वाला हर युवा परिचित है और उनके अभिभावक उनसे कई ज़्यादा। ऐसा क्यों? इसकी चर्चा हम बाद में करेंगे पहले पबजी के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।

PUBG यानी कि प्लेयर अननोन बैटल ग्राउंड्स एक ऑनलाइन वीडियो गेम है जिसका निर्माण PUBG कॉरपोरेशन द्वारा किया गया है, जो कि दक्षिण कोरिया की वीडियो गेम कंपनी ब्लू होल की साझेदार है। इसे सबसे पहले दिसंबर 2017 में विंडोज़ पर लॉन्च किया गया और उसके बाद फरवरी 2018 को एंड्राइड के लिए उपलब्ध कराया गया, जिसके बाद तो यह वीडियो गेम के इतिहास के सारे रिकॉर्ड तोड़ते चला गया और गूगल प्ले द्वारा भी इसे सबसे पॉपुलर गेम का अवॉर्ड प्राप्त हुआ।

यह द्वितीय विश्वयुद्व के समय सोवियत रूस द्वारा इस्तेमाल किये गए एक द्वीप की अवधारणा वाली कहानी को रचता हुआ गेम है, जिस द्वीप को सोवियत रूस ने अब छोड़ दिया है। एक बार में करीबन सौ खिलाड़ियों को द्वीप पर उतारा जाता है और फिर प्रारंभ होता है हिंसा का वह दौर, जिसमें आपको या आपके सहियोगियों के संग मिलकर (जो कि चार के ग्रुप में होते हैं) बाकियों को मारना होता है, अंत तक जीवित रहना होता है।

गेम के दौरान रोमांच बरकरार रखने के लिए बैटल ग्राउंड की सीमा घटती रहती है, जिसे ब्लू लाइन के नाम से जाना जाता है और इसे इलेक्ट्रिक फील्ड की संज्ञा दी जाती है। जो कि द्वितीय विश्वयुद्व की उसी अवधारणा पर है, जो सोवियत रूस की आर्मी, द्वीप पर आने वाले दुश्मनों के खात्मे के लिए इस्तेमाल करती थी।

अब सवाल उठता है गेम तो इतना मजे़दार है फिर यह समस्या कैसे उत्पन्न करती है। तो बात दरअसल यह है कि यह पूरी तरह एक ऑनलाइन गेम है और इसमें खेलने वाला हर एक व्यक्ति दुनिया के किसी-ना-किसी ज़ोने में बैठा है यानी इसमें कोई कंप्यूटर प्रोग्रामिंग किया हुआ दुश्मन नहीं है, इसलिए आप जितनी बार खेलेंगे आपको नया रोमांच प्राप्त होगा और आपको गेम से बोर नहीं होने देगा।

साथ-ही-साथ जब आपने गेम खेलना प्रारम्भ किया तो औसतन आप एक बार में बीस मिनट तो बिताएंगे ही और जल्द आउट होने के बाद आपको तुरंत वापस खेलने के लिए इसका ज़बरदस्त ग्राफिक्स मजबूर करता है। साथ ही खेलते हुए सहयोगियों के साथ वॉयस चैट का फीचर जो कि कई सोशल चैट ऐप से भी बेहतर है आपको और भी इसकी ओर आकर्षित करता है। जिसकी वजह से आज छोटे बच्चे से लेकर हर उम्र के युवा इसकी जद में हैं।

PUBG खेल जितना मजे़दार व रोमांचक है, उससे भी ज़्यादा शारीरिक, मानसिक और सामाजिक दृष्टि से खतरनाक। स्मार्टफोन पर उपलब्ध होने की वजह से अधिकांश लोगों तक आराम से मौजूद है एवं आप इसे आसानी से कहीं भी किसी भी जगह खेल सकते हैं। कई महारथियों को मैंने घर के बेड से शौचालय तक इस खेल का आंनद उठाते देखा है। अपने खाली समय में बच्चे एवं युवा छुट्टियों में भी बाहर शरीरिक खेल ना खेल इसी पर लगे हुए हैं। ज़्यादा देर तक खेलने के कारण हमारी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है तथा मानसिक रूप से हमें बीमार बना सकता है।

यह खेल एक हिंसात्मक खेल है, जिसमें आपको काल्पनिक रूप से ही सही किन्तु अन्य लोगों की हत्या करनी होती है जो बाल मन एवं युवाओं की सोच को दिग्भ्रमित कर सकती है।

इसलिए ऐसे खेलों के प्रति हमें सचेत होने की ज़रूरत है क्योंकि इसका बुरा प्रभाव सभी पर पड़ेगा। आप PUBG खेले किन्तु दायरे में रहकर और सिर्फ मनोरंजन के लिए इसे ज़िन्दगी का हिस्सा ना बनाएं।

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