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कविता, “जयकारों में तुम्हारा नाम रहेगा।”

खूँ खौलता है हमारा भी,

बहाते हुए कविता की धारा।

वतन के पहरेदार,

तुम्हें देखते हैं जब धधकते हुए,

पहनते हुए फूलों की माला।।

 

ये जवानी न्यौछावर की तुमने,

हम पर ये अहसान रहेगा।

अगले जन्म तुम जैसा बन जाने का,

बस इतना ही एक ख़्वाब रहेगा।।

 

जीवन व्यर्थ नहीं जाएगा तुम्हारा,

झंडा ऊँचा गगनचुम्बी,

औऱ जयकारों में तुम्हारा नाम रहेगा।।

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