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पुलवामा : एक्शन में देरी, वक़्त के मरहम का इंतज़ार तो नहीं ?

Hindi Article On Pulwama Terror Attack 2019 | Jammu And Kashmir | India | Pakistan

 

देश में आज किसी से भी बात करें, जम्मू कश्मीर (Jammu And Kashmir) के पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) और पाकिस्तान से प्रतिशोध का ज़िक्र हर जुबां पर हैं | सीधे-सीधे देश सिर्फ एक ही एक्शन की मांग कर रहा हैं| बदला | सरकार ने भी अपनी ओर से वादे किये हैं| इस बार वादे जरा सख्त किस्म के हैं तो यकीं करने का दिल भी हुआ | मगर एक सप्ताह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम या उसकी शुरुआत की कोई आहट नहीं हैं | यह बात देश में आक्रोश बढा रही हैं, मगर बढ़ता आक्रोश भी समय के साथ-साथ ठंडा हो जाता हैं , यह नई बात नहीं है| हमले के पूर्व मिली सुचना पर ध्यान न दिए जाने को लेकर भी सरकार फ़िलहाल सवालों के घेरे में है |

यह बात और है कि इस समय बुलंद आवाज में सवाल पूछे नहीं जा रहे है| सोशल मीडिया पर इससे भी गंभीर आरोप सरकार पर लग रहे है| आंतकियों के वीडियों पर, ख़ुफ़िया जानकारियों पर और सेना को एयर लिफ्ट किये जाने की मांग पर क्यों ध्यान नहीं दिया गया, यह बड़े सवाल है | विपक्ष इस समय किसी भी तरह की बयानबाजी से बचने की नीति के साथ आगे बढ़ रहा है और सवालों के दागे जाने के सही समय का इन्तजार कर रहा है| सियासत के लिहाज से यह लाजमी है |

मगर समय के साथ-साथ कही यह पुरानी कहानी का दोहराव तो नहीं| क्या शहादत के हिस्सें में इस बार भी सिर्फ मोमबत्तियां, मौन सभाएं, श्रद्धांजलि, कुछ दिनों का गुस्सा और पलछिन देशभक्ति ही है ? वक़्त का यूं काटा जाना एक साथ कई इशारे भी कर रहा है | गुजरते समय ने रणदीव सुरजेवाला और हार्दिक पटेल को मौका दिया है कि अब वे सियासी हमला करें | एक्शन में की जाने वाली देरी वक़्त के मरहम का इंतज़ार करती सोची समझी रणनीति का हिस्सा है या तूफान से पहले की खामोशी फ़िलहाल कहना मुश्किल है| क्योंकि बयान का एक हिस्सा कहता है कि किसी बक्शा नहीं जायेगा,सेना को हर छूट है और भारत का बदला स्वरुप अब दुनिया देखेगी
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