देश में आज किसी से भी बात करें, जम्मू कश्मीर (Jammu And Kashmir) के पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) और पाकिस्तान से प्रतिशोध का ज़िक्र हर जुबां पर हैं | सीधे-सीधे देश सिर्फ एक ही एक्शन की मांग कर रहा हैं| बदला | सरकार ने भी अपनी ओर से वादे किये हैं| इस बार वादे जरा सख्त किस्म के हैं तो यकीं करने का दिल भी हुआ | मगर एक सप्ताह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम या उसकी शुरुआत की कोई आहट नहीं हैं | यह बात देश में आक्रोश बढा रही हैं, मगर बढ़ता आक्रोश भी समय के साथ-साथ ठंडा हो जाता हैं , यह नई बात नहीं है| हमले के पूर्व मिली सुचना पर ध्यान न दिए जाने को लेकर भी सरकार फ़िलहाल सवालों के घेरे में है |
यह बात और है कि इस समय बुलंद आवाज में सवाल पूछे नहीं जा रहे है| सोशल मीडिया पर इससे भी गंभीर आरोप सरकार पर लग रहे है| आंतकियों के वीडियों पर, ख़ुफ़िया जानकारियों पर और सेना को एयर लिफ्ट किये जाने की मांग पर क्यों ध्यान नहीं दिया गया, यह बड़े सवाल है | विपक्ष इस समय किसी भी तरह की बयानबाजी से बचने की नीति के साथ आगे बढ़ रहा है और सवालों के दागे जाने के सही समय का इन्तजार कर रहा है| सियासत के लिहाज से यह लाजमी है |