सामाजिक चिंतक और शिक्षक गोपेंद्र कुमार सिंहा गौतम के अनुसार मोबाइल फोन मतलब एक ऐसा उपकरण जिससे आप चलते-फिरते कहीं भी बस एक नंबर डायल करने के बाद बात कर सकते हैं इस परिकल्पना पर बनाया गया था.लेकिन बदलते समय के परिपेक्ष में आज मोबाइल अपने आप में पूरी दुनिया को समाहित किए हुए हैं इसे दूसरे शब्दों में कहें तो मोबाइल ही परिवार है मोबाइल समाज है मोबाइल ही किताब है मोबाइल ही दुकान मोबाइल ही सब कुछ आज है.- मोबाइल का है विविध उपयोग:- वर्तमान तकनीकी संसार मे मोबाइल फोन एक ऐसा उपकरण है जिसके बिना लोगों का जिंदगी बेगाना लगने लगता है उसे अपने आप पिछड़ेपन का एहसास दिलाता है.हो भी क्यों नहीं अब ना तो मनोरंजन के लिए ना शिक्षा के लिए ना बाजार के लिए ना प्रचार के लिए कहीं जाना है बस आपके पास होना चाहिए इंटरनेट युक्त मोबाइल फोन. फिर आप घर बैठे सारी दुनिया का हाल रख सकते हैं.आप अपने अंदर के आवाज को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं.मोबाइल फोन को चलाने के लिए भी किसी विशेष योग्यता और जानकारी की आवश्यकता नहीं है बस थोड़ी सी व्यवहारिक ज्ञान और आप इसके सहारे दुनिया में दखल दे सकते हैं.
सोशल मीडिया के विस्तार के बाद इसका क्रेज सातवें आसमान पर क्या बुजुर्ग क्या जवान क्या महिलाएं क्या किसान क्या छात्र क्या नौजवान सबके हाथों में मोबाइल ही मोबाइल है. होना भी चाहिए परिवर्तन तो संसार का नियम है इसलिए हमें भी बदलना पड़ेगा, लेकिन बदलाव के साथ साथ हमें कुछ जरूर सावधानी भी रखना पड़ता है वह नहीं किया जा रहा है,जिससे मोबाइल फोन बदनाम भी होने लगा. लोगों के बीच सामाजिक दूरी बनने लगा युवा आवश्यकता से अधिक समय मोबाइल को देने लगे बच्चे भी भोजन मोबाइल पर बजने वाले संगीत के साथ ही करना पसंद कर रहे हैं. इन सभी चीजों ने मोबाइल फोन को कुछ लांछन सहने को मजबूर किया है.दुर्घटना का कारण बन रहा मोबाइल:- आए दिन हमेशा सुनने और पढ़ने को मिलता है मोबाइल फोन के वजह से दुर्घटना घटी. मोबाइल फोन के कारण युवा और बच्चे अवसाद ग्रस्त हो रहे हैं. मोबाइल के गलत इस्तेमाल के कारण छोटे-छोटे बच्चों में यौन हिंसा पैर पसार रहा है.इसका बच्चों के मासूम मस्तिष्क पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है. मोबाइल आ जाने के कारण लोग बिना सोचे विचारे झट से झूठ बोलकर काम चला लेते हैं जो काम बिना झूठ बोले ही भी किया जा सकता था.लोग बैठे रहते हैं दुकान पर बोल देते हैं अभी हम रास्ते में है. इन्हीं सब कारणों से मोबाइल अपने मासूमियत पर रो रहा है बेचारा सोचता है हम तो आए थे लोगों की जिंदगी बदलने पर लोग मेरी परिभाषा बदल दिए.
गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम