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जानिए कश्मीरियों के खिलाफ हिंसा पर क्या कह रहे हैं यह कश्मीरी व्यापारी

कुंभ मेला

कुंभ मेले में कश्मीरियों के बातचीत

पुलवामा में हुए दर्दनाक घटना के बाद से मीडिया, सोशल मीडिया और धरातल पर कश्मीर और कश्मीरियों के खिलाफ तरह -2 की भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं। लोग इन सूचनाओं को धड़ल्ले से साझा कर रहे हैं।

साझा की जा रही सूचनाओं में कुछ मांगें इस प्रकार हैं-

उपर्युक्त मांगों के अलावा और भी कई चीज़ें हैं जिसपर लोग खुलकर बात कर रहे हैं। इन सब मांगो के बीच प्रयागराज के कुम्भ मेले में लगी खादी भंडार एक अलग ही तस्वीर पेश कर रही है।

खादी भंडार में देश के सभी राज्यों का पंडाल लगा हुआ है जिनमें 10 के करीब पंडाल कश्मीर के हैं। कुंभ में पहुंच रहे लाखों दर्शनार्थियों में से हज़ारो दर्शनार्थी खादी भंडार में पहुंच रहे हैं और खरीददारी भी कर रहे हैं।

कुंभ मेले में दुकान की तस्वीर।

कश्मीर के लगे पंडालों में मुख्यत: शॉल, कुर्ता, उनी वस्त्र और सूखे फल विक्रय के लिए हैं। कश्मीरी पंडालों पर बिकने वाले शॉल और कुर्ते लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं।

इन पंडालो पर उमड़ रही भीड़ सोशल मीडिया और धरातल पर फैलाई जा रही घृणा को झूठा साबित करती हैं। लोगों की यह भीड़ जो खरीददारी करने आ रही है, उसके ज़रिये एक अलग किस्म की देशभक्ति देखने को मिल रही है।

इन सबके बीच कश्मीरी पंडाल में सामान बेच रहे एक दुकानदार से हमने कुछ सवाल किए जो इस प्रकार हैं।

सवाल- आप लोग मेले में कब से आ रहे हैं?

जवाब- हम यहां 20 सालों से आ रहे हैं। इससे पहले हमारे बाप-दादा यहां दुकान लगाया करते थे।

सवाल- पुलवामा आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश है। आप लोगों को कभी कोई परेशानी हुई?

जवाब- नहीं, हमें कभी कोई परेशानी नहीं हुई है। हां, कभी-कभी कुछ लोग ऐसे सवाल कर देते हैं जिन्हें हम नज़रअंदाज़ करते हैं।

सवाल- पुलवामा आतंकी हमले को आप कैसे देखते हैं?

जवाब- यह घटना कश्मीर के साथ पूरे देश के लिए दुखद है। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए।

सवाल- मीडिया और सोशल मीडिया में लोग इस घटना के लिए कश्मीरियों को दोषी ठहरा रहे हैं। क्या कहना चाहेंगे इसपर?

जवाब- देखिए आप किसी एक घटना को लेकर पूरे कश्मीर को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। हां, कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं जो किसी भी तरह उचित नहीं है। सभी कश्मीरी ऐसे नहीं हैं लेकिन ज़्यादातर लोग पैसों के लिए यह काम करते हैं।

सवाल- कश्मीर की समस्या का क्या समाधान हो सकता है?

जवाब- देखिए कश्मीर में रोज़गार की समस्या है। शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है और आतंकी घटनाओं की वजह से पर्यटन को भी नुकसान पहुंचता रहता है।

सरकार को रोज़गार, शिक्षा और पर्यटन को बेहतर करने की ओर ध्यान देने की ज़रूरत है। यह काम काफी हद तक समस्या को सुलझाने में सहायता कर सकते हैं।

सवाल- आपको नहीं लगता कि कश्मीरियों को शांति बहाल में सरकार का साथ देना चाहिए?

जवाब- देखिए, शांति बहाल करने के लिए कश्मीर के लोग सरकार और सेना दोनों के साथ हैं।

इस बातचीत से पता चला कि धरातल पर फैलने वाले अफवाहों का ज़मीनी स्तर पर क्या असर है। यहां शॉल और सूखे फल खरीद रही जनता को देखकर लगता है कि भारत का कश्मीर से एक सांस्कृतिक संबंध है, जो कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही हिंसा और घृणा से नहीं खत्म हो सकती।

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