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“अजंता एलोरा की गुफाओं में अपना नाम लिखकर लोग बहुत खुश हो रहे थे”

अजंता एलोरा गुफाएं

अजंता एलोरा गुफाएं

मानवीय जीवन में संस्कृति का असाधारण महत्व होता है। मिसाल के तौर पर अजंता एलोरा की गुफाओं को ही देख लीजिए जो हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं।

इतिहास के पाठ्यक्रम में हर कोई इनके बारे में पढ़ता है लेकिन जब वहां जाकर देखने की बारी आती है तब दीवारों पर अपने नाम लिखकर चले आते हैं।

इस लेख के ज़रिए अजंता एलोरा की विरासत पर बात करते हुए कुछ काफी दिलचस्प चीज़ें बताऊंगा। एलोरा और अजंता दोनों को ही यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है जो कि भारतीयों के लिए गर्व की बात है।

एलोरा की गुफाएं

वेरुल लेनी के नाम से जानी जाने वाली एलोरा गुफाएं औरंगाबाद ज़िला मुख्यालय के उत्तर पश्चिम में औरंगाबाद चालीस गाँव रोड पर 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिन पहाड़ियों को काटकर गुफाएं बनाई गई हैं वे दक्कन की सह्याद्रि पर्वतमाला का हिस्सा हैं।

पहाड़ी से अनेक नदियों के उद्गम स्थल हैं जिनमें मुख्य ‘एल गंगा’ है। ‘एल गंगा’ मॉनसून के मौसम में अपने यौवन पर होती है। दक्कन की बेसाल्ट संरचना चट्टान कटाई के लिए उपयुक्त होती है। लोगों को प्राचीन समय में इस तकनीक की व्यापक जानकारी थी।

फोटो साभार: pixabay

विभिन्न विचारों के धार्मिक अनुयायियों को इसमें अपने आवास बनाने के लिए प्रेरित किया गया। मोटे अनुमान के आधार पर संपूर्ण महाराष्ट्र में विभिन्न आकार वाली करीब 1200 गुफाएं हैं जिनमें लगभग 900 गुफाएं केवल बौद्ध धर्म से संबंधित है।

प्राचीन काल के दौरान एलोरा का महत्व शासन करने वाली सातवाहन वंश के सिक्कों द्वारा भी समझा जा सकता है। सात वाहनों की राजधानी प्रतिष्ठान (आजकल इसे पैठन कहा जाता है।) थी। इन्होंने अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी के बीच के संपूर्ण क्षेत्र पर राज़ किया जिसकी सीमा उत्तर में नर्मदा नदी तक थी।

फोटो साभार: pixabay

एलोरा की गुफाएं 6-7 शताब्दी से 11वीं और 12वीं शताब्दी तक की है। कुल मिलाकर पहाड़ी क्षेत्र में लगभग 100 गुफाएं है जिनमें 34 गुफाएं प्रसिद्ध हैं।

इन्हें देखने के लिए देश-विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। गुफाओं में 1 से 12 गुफाएं बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। 13 से 19 गुफाएं हिंदू धर्म से जुड़ी हैं तथा 30 से 34 नंबर की गुफाएं जैन सभ्यता से संबंधित हैं।

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अजंता से अलग एलोरा गुफाओं की विशेषता यह है कि व्यापार मार्ग की अत्यंत निकट होने के कारण इनकी कभी उपेक्षा नहीं हुई है। 19वीं सदी के दौरान इन गुफाओं पर इंदौर के होलकर राज घराने का नियंत्रण हो गया था, जिनके बाद हैदराबाद के निज़ाम के पास इसके अधिकार आ गए थे। आज़ादी के बाद से गुफाएं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियंत्रण में हैं।

अजंता की गुफाएं

औरंगाबाद से 101 किलोमीटर दूर उत्तर में अजंता की गुफाएं स्थित हैं। इस स्थान पर कुल 30 बेहद ही खास गुफाएं हैं। इन गुफाओं की खोज आर्मी अफसर जॉन स्मिथ और उनके दलों द्वारा 1819 में की गई थी। वे यहां शिकार करने आए थे तभी उन्हें कतार में 29 गुफाओं की श्रृंखला नज़र आई और इस तरह से यहां गुफाएं प्रसिद्ध हो गई।

फोटो साभार: pixabay

एलोरा और अजंता के साथ-साथ आप औरंगाबाद में बीबी का मकबरा देखने का आनंद ले सकते हैं जिसे दक्कन का ताज़ महल भी कहा जाता है। यहां से 60 किलोमीटर की दूरी पर जायकवाड़ी बांध है, जहां देश विदेशों से पक्षी आते हैं। पक्षियों को देखना एक खूबसूरत नज़ारा होता है।

यहां से शिर्डी भी ज़्यादा दूर नहीं है जहां हर रोज़ भारी तादाद में साईं भक्त आते हैं। अगर आपको सैर करने का शौक है और आप कला प्रेमी हैं, फिर अजंता एलोरा और औरंगाबाद आपके लिए अच्छी जगह हो सकती है।

दीवारों पर लिखे जा रहे हैं नाम

चाहे आप अजंता या फिर एलोरा की गुफाओं की बात कर लीजिए, आपको दोनों जगहों की दीवारों पर लोगों द्वारा लिखे गए नामों के उदाहरण दिख जाएंगे। हाल ही में मैंने दोनों जगहों का भ्रमण किया और पाया कि अलग-अलग शहरों से आने वाले लोग यादों के तौर पर वहां की दीवारों पर अपने-अपने नाम लिख देते हैं।

फोटो साभार: pixabay

कुछ लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि वर्षों बाद जब वे यहां आएं तब उन्हें उनकी निशानी मिले। मुझे हैरत तब हुई जब वहां मौजूद स्थानीय पुलिस भी खामोश थे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वक्त में इन गुफाओं की हालत और भी खराब हो सकती है।

कैसे जाएं

औरंगाबाद के लिए दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद से विमान की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा आप ट्रेन के ज़रिए भी मुंबई से औरंगाबाद आकर अजंता एलोरा की गुफाओं तक जा सकते हैं।

औरंगाबाद से सभी बड़े शहरों के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है। शहर में ठहरने के लिए भी उत्तम व्यवस्था उपलब्ध है। शिर्डी में भी आप होटल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

नोट: YKA यूज़र धनंजय द्वारा अजंता एलोरा की गुफाओं में जाकर आंकड़े संग्रह किए गए हैं।

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