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“क्या जिनेवा संधि के तहत ही पाकिस्तान भारतीय विंग कमांडर को छोड़ रहा है?”

इमरान खान

इमरान खान

कल से ही इस बात पर संशय की स्थिति थी कि ‘इंडियन एयर फोर्स’ के विंग कमांडर को पाकिस्तान रिहा करेगा या नहीं, जिसपर अब इमरान खान के बयान के बाद विराम लग गया है। गौरतलब है कि भारतीय एयर फोर्स के विंग कमांडर को वाघा बॉर्डर के रास्ते कल रिहा किया जाएगा।

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “अपनी शांति की इच्छा के तहत मैं घोषणा करता हूं कि बातचीत शुरू करने के कदम के तौर पर पाकिस्तान भारतीय वायुसेना के अधिकारी को रिहा करेगा।”

पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता आसिफ गफूर। फोटो साभार: सोशल मीडिया

पाकिस्तानी मीडिया भारत के बहादुर विंग कमांडर की एक के बाद एक वीडियोज़ जारी कर चुका है। वीडियो में विंग कमांडर पाकिस्तानी सेना के कब्ज़े में दिख रहे हैं, जिनपर सवालों की बौछार की जा रही है।

पाकिस्तान द्वारा दावा किया जा रहा है कि वे लोग विंग कमांडर का अच्छे से ख्याल रख रहे हैं। यानि कि पाकिस्तान अपने आप को शांति दूत के तौर पर स्थापित करना चाह रहा है। वह दुनिया के सामने झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश भी कर रहा है।

खैर, भारतीय एयर फोर्स के विंग कमांडर की तस्वीरों और वीडियोज़ को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वहां उनकी क्या हालत है। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि मिग-21 को मार गिराने के बाद भारतीय विंग कमांडर को कैद किया गया है।

स्थानीय लोगों ने विंग कमांडर की पिटाई की

सोशल मीडिया पर एक और वीडियो देखा जा रहा है, जहां स्थानीय पाकिस्तानी लोग भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर को पीट रहे हैं। उसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सैनिकों ने अपनी गिरफ्त में लिया है। हालांकि इन वीडियोज़ की वैधता की पुष्टि नहीं हुई है।

चेहरे पर चोट के निशान के बावजूद ना तो विंग कमांडर की आवाज़ में घबराहट थी और ना ही ऐसा लग रहा था कि वह डरे हुए हैं। आवाज़ में वही जोश जो हर भारतीय सैनिक के अंदर कूट-कूटकर भरा होता है।

विंग कमांडर का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वो अपना सर्विस नंबर बताते नज़र आ रहे हैं मगर ज़्यादा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने साफ मना कर दिया, “माफ कीजिए, मैं आपको इतना ही बता सकता हूं।”

कई वीडियोज़ वायरल हुए

एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें विंग कमांडर चाय पीते हुए नज़र आ रहे हैं। इस वीडियो में वह पहले अपना परिचय देते हैं फिर पीछे से आवाज़ आती है, “उम्मीद है आप यहां अच्छे से हैं।”

इस प्रश्न के जवाब में वह कहते हैं, “बताना चाहता हूं कि यहां मैं आराम से हूं और भारत जाकर भी अपना बयान नहीं बदलूंगा। पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने मेरा बहुत अच्छे से खयाल रखा, उन्होंने जेंटलमैन की तरह व्यवहार करते हुए मुझे भीड़ से बचाया।”

फोटो साभार: सोशल मीडिया

1999 में जिस तरह कैप्टन नचिकेता को पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था, वैसा ही कुछ इस दफा भारतीय एयर फोर्स के जांबाज़ विंग कमांडर के साथ हुआ है।

नचिकेता की कहानी

1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान भी जिनेवा संधि को आधार बनाकर पाकिस्तान ने कैप्टन नचिकेता को गिरफ्तार करने के 9 दिन बाद छोड़ा था। कैप्टन नचिकेता के शत्रु के चंगुल में फंसने और बाहर आने की कहानी बड़ी दिलचस्प है।

3 जून 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान ‘इंडियन एयर फोर्स’ के फाइटर पायलट नचिकेता को भारतीय वायु सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन ‘सफेद सागर’ के लिए मीग-27 उड़ाने का काम सौंपा गया था।

उस वक्त कैप्टन की आयु 26 साल थी। नचिकेता ने दुश्मन के खेमे के बिलकुल करीब जाकर 17 हज़ार फुट से रॉकेट दागे और दुश्मन के कैंप पर लाइव रॉकेट फायरिंग से हमला किया। इसी बीच उनके विमान का इंजन खराब हो गया, जिसके बाद इंजन में आग लगने से मीग-27 क्रैश हो गया।

नचिकेता ने बताया कि उन्हें बुरी तरह पीटा जाता था। उनके प्लेन क्रैश की खबरें इंटरनेशनल मीडिया में सुर्खियों में थी। पाकिस्तान सरकार पर दबाव रहा और 8 दिन बाद पाकिस्तानी आर्मी ने नचिकेता को ‘इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस’ को सौंप दिया, जिसके बाद नचिकेता को वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत भेजा गया।

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