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“समानता का ढोंग करने वाले लोग काले व्यक्ति को घृणा की दृष्टि से क्यों देखते हैं?”

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

बचपन से अम्मी एक बात कहती थीं, “बेटा आपकी सीरत और आपके इख्लाक आपको कामयाब बनाएंगे ना कि आपके पहनावे या सूरत।” अम्मी की यह बात जैसे दिल में घर कर गई।

वह बड़ी आदर्शवादी हैं या फिर उनका ज़माना भी अलग रहा होगा। इसका जवाब तो वह खुद ही बेहतर दे सकती हैं मगर मुझे विश्वास है कि वह पूरी ज़िंदगी की कामयाबी की बात कर रही थीं।

वह कामयाबी जिसमें आपके बचपन से लेकर आखिरी सांस तक किए गए काम होते हैं। आपकी पर्सनल लाइफ, प्रोफेशनल लाइफ व्गैरह-व्गैरह।

घर से बाहर निकलकर बड़े शहरों की तरफ रुख करने पर अम्मी की बातें गलत लगने लगीं, हो सकता है आपने इस समाज को अलग नज़रिए से देखा हो या इस समाज ने आपको अलग तरह से अपनाया हो मगर एक बात समझ लीजिये, इस समाज में आदर्शवाद के लिए कोई जगह नहीं है।

अरे आदर्श गैस का फॉर्मूला PV=NRT भी सिर्फ एक विचार है। आज तक कोई ऐसी गैस नहीं बना पाई जो आदर्श हो। आप आदर्श समाज बनाने की बात कर रहे हो। खैर, मेरा काम है समाज की सच्चाई को सामने लाना ना कि इस समाज की तारीफ कर अपने लिए वाहवाही बटोरना।

अखलाक, समझदारी, सीरत और बुद्धिमत्ता इन सब चीज़ों की सामाजिक व्यवस्था में कोई जगह नहीं है। आप जब तक कूल डूड नहीं बन जाओगे तब तक आपके दोस्त भी गिनती के ही होंगे। ज़्यादातर बच्चों के साथ इस तरह का भेदभाव उनके परिवारों से शुरू हो जाता है।

इस समाज में अधिक क्यूट या खूबसूरत दिखने वाले बच्चों को सभी अपने साथ रखना, खेलना या कहीं ले जाना पसंद करेंगे लेकिन एक कम स्मार्ट बच्चे के लिए कोई खास दिलचस्पी नहीं होती और यह एक सत्य है।

जी हां, ज़्यादा स्मार्ट बच्चे को तरजीह भी अधिक दी जाती है और कहीं ना कहीं अनजाने में वे उस कम खूबसूरत या कम स्मार्ट बच्चे का मानसिक विकास रोक रहे होते हैं।

सरकारी स्कूलों में बच्चों के बैठने का एक तय क्रम हुआ करता है। सबसे आगे वे बच्चे बैठते हैं जो पढ़ने में होशियार होते हैं। जो अधिक हुड़दंग करते हैं, उन्हें पीछे बैठाया जाता है।

फोटो साभार: सोशल मीडिया

जिनसे कोई बात नहीं करना चाहता, जिनका समय-समय पर मज़ाक उड़ाया जाता और जो कूल नहीं होते हैं, उन्हें पीछे की बेंचों में जगह मिलती है। खास बात यह है कि ऐसे बच्चों के मनोबल को तोड़ने के पीछे शिक्षक की भी भूमिका होती है।

जब एक दोस्त ने कहा स्मार्टनेस मायने रखती है

कॉलेज के समय की बात है जब हम सभी दोस्त प्यार में लुक्स मैटर करते हैं या नहीं, इसपर बहस कर रहे थे। लोग अक्सर डर के मारे कि उन्हें कोई रेसिस्ट ना कह दे, इसका यही जवाब देते हैं, “लुक्स मैटर नहीं करते हैं।”

मेरी एक दोस्त ने कहा कि लुक्स मैटर करते हैं। सब लोग झूठ बोल रहे हैं और अच्छा दिखने के लिए एक तरह का ढोंग कर रहे हैं। यही वे लोग हैं जिनके पार्टनर्स गुड लुकिंग हैं।

उसने आगे कहा, “प्यार की शुरुआत आकर्षण से होती है और क्या कोई किसी गंदे दिखने वाले शख्स से आकर्षित हो सकता है? क्या सामान्य से दिखने वाले किसी शख्स से पहली नज़र में प्यार कर सकते हैं? नहीं ना? अरे लोग तो सामान्य दोस्त भी लुक्स के आधार पर ही बनाते हैं इसलिए यह बड़ी-बड़ी बातें मेरे सामने मत करो।”

अब जब सभी की शादियों की उम्र हो चुकी है तो एक ज्ञान की बात मुझे सभी आकर बोलते हैं कि कोई अच्छी सी दिखने वाली लड़की देख लो, समझदार तो बाद में हो जाएगी।

आप अगर सिगरेट और दारू जैसे नशे नहीं करते हैं तब आप चम्पू हैं और अगर आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है फिर तो आपके चम्पूपन पर ठप्पा भी लग जाएगा।

एक बहुत फेमस डॉयलॉग तो आपने सुना ही होगा, “जेब में पैसा और हाथ में गाड़ी की चाबी, बस लड़की आपकी।” तो भाई दिल किस लिए रखे हो? निकाल फेंको ससुरे को बाहर!

आपने कभी टिक-टॉक पर एक बहुत खूबसूरत लड़की और एक सामान्य दिखने वाले लड़के को साथ डांस करते हुए देखा होगा। आप कभी उस वीडियो का कमेंट बॉक्स खोल लीजिएगा, आपके आदर्शवादी विचार हवा हो जाएंगे।

हम किसी के लुक्स का मज़ाक उड़ा कर उसको मानसिक तौर पर कमज़ोर कर रहे होते हैं। कोई लड़की काली है तो उसे बचपन से काली नाम दे दिया जाएगा। हम आसानी से यह भी कह देते हैं कि प्यार से बुलाया जा रहा है।

अरे भाई यह कैसा प्यार है? हम ना बड़े जजमेंटल टाइप के हैं। सामने वाले की सूरत और कपड़े देखकर जज कर लेते हैं कि वह कितना समझदार है। यह तो गलत है ना, हो सकता है आपकी अम्मी ने आपको वह झूठी बात ना कही हो जो मेरी अम्मी ने कही थी और ऐसा भी हो सकता है कि आप भूल गए हों और मैं नहीं भूल पाया हूं।

मैं यहां किसी को जज नहीं कर रहा और ना ही पूरे समाज की सोच बता रहा हूं मगर असलियत ज़रूर पेश कर रहा हूं। सोशल मीडिया पर सिर्फ रेसिज़्म के खिलाफ लिख लेने से कुछ नहीं होगा क्योंकि जब तक इसका असर नहीं दिखेगा, तब तक मुझे यह आपकी बातें ढोंग ही लगती रहेंगी।

नोट- अन्सार YKA के जनवरी-मार्च 2019 बैच के इंटर्न हैं।


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