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“पुलवामा हमले पर आप अपना गुस्सा गलत दिशा में मत निकालिए”

देशभर से कश्मीरियों पर हमले की खबरें आ रही हैं, यह खबरें सही हैं या नहीं इसकी पुष्टि तो मैं नहीं कर सकता लेकिन इस तरह की खबरें काफी निंदनीय हैं। पूरा देश आक्रोशित है लेकिन आपका आक्रोश और गुस्सा किसी गलत दिशा में ना जाये।

कश्मीरी भारत का अभिन्न अंग हैं, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हम भारतीय हैं। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी बाद में हैं सबसे पहले हम भारतीय हैं। हमें जितना प्यार और अपनापन पंजाब, बिहार, बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात और अन्य राज्यों से है उतना ही प्यार और अपनापन कश्मीर से भी है।

हमारे जवान पंजाब, बिहार, बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात और अन्य राज्यों की रक्षा के लिए LOC पर बिना दिन रात का फर्क किए हुए हम सबकी रक्षा करते हैं, वो हम सबके लिए अपने सीने पर गोली खा लेते हैं, वो कभी नहीं सोचते हैं कि ये कश्मीरी, पंजाबी, बिहारी, बंगाली, तमिल, गुजराती और अन्य राज्यों से हैं, वो भारत के लाल बस देश की रक्षा करते हैं।

पुलवामा हमले में हमारे 42 जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं, वे भारत की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं ना कि किसी राज्य विशेष के लिए हुए हैं। हम अगर किसी राज्य विशेष के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं या उन्हें प्रताड़ित करते हैं तो ये उन सभी शहीदों की शहादत का अपमान है, ऐसा करना उन्हें अपमानित करना है।

कुछ तथाकथित देशभक्त हमारे देश के अहम हिस्से कश्मीर के लोगों को परेशान कर रहे हैं। उन्हें धमका रहे लोग सोच रहे हैं कि वह बड़ा देशभक्ति का काम कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है, यह उन सभी शहीदों की शहादत का अपमान है, ऐसा करना उन्हें अपमानित करना है, जो हम भारतीयों की सुरक्षा के लिये शहीद हो गये हैं।

ऐसे लोगों को पकड़ों और समझाओ कि यह करना उन्हीं आतंकवादियों की राह पर चलने जैसा है, जो सोचते हैं कि हिंसा कर, लोगों को मारकर उन्हें जन्नत नसीब होगी। उन आतंकवादियों को किसी विशेष धर्म, जाति, स्थान से जोड़कर, उन्हें उन्हीं के विशेष धर्म, जाति, स्थान के बारे में वफादारी करने के नाम पर गुमराह करके ऐसे कृत करने को प्रेरित किया जाता है। उन्हें इंसानियत से कोई मतलब नहीं होता है क्योंकि उनका ज्ञान छिन्न हो जाता है, वे उसी विशेष धर्म, जाति, स्थान के नाम पर लड़कर अपने आपको नर्क की दिशा में झोंक देते हैं। उन्हें ऐसी ही शिक्षा दी जाती है, जिससे उनका विवेक नष्ट हो जाता है और वे ऐसे घिनौने कर्म करने को प्रेरित हो जाते हैं, जिससे हमारे जवानों को भारत की रक्षा करते हुए शहीद होना पड़ता है।

अगर आप भी उन्हीं के अनुसार किसी विशेष धर्म, जाति, स्थान के नाम पर लड़ेंगे तो उनमें और हममें कोई फर्क नहीं होगा। हमारे जवान देश के लिए हैं, हम भी देश के लिए हैं, उन आतंकवादियों की चाल में फंसकर बंटने का काम ना करें क्योंकि कश्मीर और कश्मीरी भारत के अभिन्न अंग हैं।

जब हम पूरे अधिकार के साथ अपना हक कश्मीर पर रखते हैं तो कुछ आतंकवादियों और कुछ पाकिस्तान समर्थन में आवाज़ बुलंद करने वालों के कर्म की सज़ा पूरे कश्मीर और कश्मीरवासियों को क्यों? हां, मैं आतंकवादियों और पाकिस्तान समर्थकों के खिलाफ हूं, उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई के समर्थन में हूं लेकिन उन आतंकवादियों और पाकिस्तान समर्थकों को सबक सिखाने या कड़ी कार्रवाई के लिए आवाज़ उठाएं ना कि खुद देश में हिंसा करें।

यह काम (आतंकवादियों को सज़ा देने का) उन वीर जवानों और उनके साथियों (बटालियन) का है, जिनके साथी आतंकवादियों द्वारा किये गये हमलों में शहिद हुए हैं और हमारी न्यायपालिका का है हम अपने हाथ में अपने कानून को लेकर अपने कानून का अपमान क्यों करें।

पुलवामा हमले के बाद कुछ लोग कश्मीरियों को बुरा-भला कह रहे हैं और उनके साथ हिंसा करने के लिये आगे बढ़ रहे हैं, यह सरासर गलत है उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, उन्हें देश की सुरक्षा से नहीं खेलना चाहिए। हमारे देश का भाई शहीद हुआ है, हमें भी गुस्सा आ रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि मैं अपने देश में ही हिंसा शुरू कर दूं। अगर इस प्रकार करेंगे तो गृह युद्ध की संभावना हो जाएगी और पाकिस्तान यही चाहता है कि हम बंटे और वो इस मौके का लाभ उठाए इसलिए तो वो हमारे देश के गद्दारों को चंद पैसे या धर्म, जाति या स्थान के नाम पर भटका कर ऐसे हमले करवा रहा है।

हमारा काम है प्रशासन को इनसे निपटने दें और सरकार से मांग करें कि हमारे जवानों को उचित सुविधा और सुरक्षा के उपकरण मुहैया कराये जिससे उनको मुंहतोड़ जवाब दे सकें। हमारे जवानों को जब कश्मीरी लोगों के साथ अभद्रता और उनपर हमले की बात पता चली तो उन्हीं जवानों की तरफ से एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया और कश्मीरियों को पूर्ण रूप से सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया गया है क्योंकि वो भारत की रक्षा करते हैं ना कि किसी धर्म, जाति या स्थान की।

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