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“लोगों के दिमागी दाग साफ करने वाला पाउडर क्यों नहीं बनाता सर्फ एक्सेल?”

तमाम व्यस्तताओं के बीच आज आखिरकार सोशल मीडिया पर उंगलियां घुमाने का मन किया। फेसबुक खोला तो सर्फ एक्सेल बाइकाॅट जैसे शब्द से सामना होना शुरू हुआ। मन में एकदम से सवाल उठा कि आखिरकार सर्फ एक्सेल का बाइकाॅट क्यों? धीरे-धीरे खोजबीन के बाद पता चला कि सर्फ एक्सेल के एक ऐड को लेकर कुछ तथाकथित राष्ट्रवादी और हिन्दूवादी मानसिकता के लोगों को आपत्ति है।

सर्फ एक्सेल ने होली को लेकर जो ऐड बनाया, उसमें एक मासूम सी लड़की साइकिल पर एक लड़के को बिठाकर मस्जिद की सीढ़ियों तक छोड़ने जाती है। लड़का सीढ़ियों पर चढ़ता है और लड़की की तरफ देखकर कहता है कि नमाज़ पढ़कर वापस आता हूं। लड़की बोलती है कि बाद में रंग पड़ेगा, जिसके बाद लड़का सहमति की मुद्रा में सर हिलाकर आगे बढ़ जाता है।

सर्फ एक्सेल के इस मासूम से ऐड से लोगों को आपत्ति क्यों है? तथाकथित हिन्दूवादी मानसिकता का झंडा बुलंद करके घटिया मानसिकता की सोच रखने वालों में इसमें लव जिहाद कैसे ढूंढ सकते हैं?

मैं इस मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से आता हूं, अपनी प्राथमिक शिक्षा के पांच साल मैंने मुस्लिम स्कूल में गुज़ारे हैं? मेरे कई मुस्लिम दोस्त रहे हैं और आज भी हैं। उस बचपन को याद करने के बाद आज सोचता हूं कि तब लोगों में धर्म और पंथ की इतनी समझ नहीं थी फिर अचानक आज मुस्लिम और हिन्दू के बीच इतनी गहराईयां कहां से जन्म लेने लगी हैं?

मासूम बच्चों से भरा एक विज्ञापन जो समाज को एकजुटता और जोड़ने का संदेश देता है उसको तथाकथित फर्ज़ी लोग लव जिहाद से जोड़कर उस बचपन का कत्ल क्यों कर रहे हैं? उस आने वाली पीढ़ी और बढ़ते भारत को क्या देने जा रहे हैं हम?

सोशल मीडिया से आजकल बच्चों की पहुंच दूर नहीं है, ऐसे भड़काऊ और साम्प्रदायिक पोस्ट और बयानों से आपसी नफरत को बढ़ावा तो नहीं मिल रहा है। वो बचपन जिसमें आपसी सद्भाव और प्रेम भाईचारा होना चाहिए, जिसमें होली और रमज़ान में समानता की समझ होनी चाहिए, ईद और दिवाली एक साथ मनाने की परंपरा की सीख होनी चाहिए।

सर्फ एक्सल भी ज़बरदस्त है, उसने लोगों की परवाह किये बिना ऐड बनाकर समाज को जागरूकता का संदेश दे दिया। सर्फ एक्सल को दाग साफ करने की बजाये ऐसी तकनीकी विकसित करनी होगी, जो ऐसे घटिया लोगो के दिमाग की गंध साफ कर सके।

‘‘कपड़ों पर लगे दाग तो हमारे लिये नुकसानदेह है लेकिन दिमाग पर लगे दाग पूरे समाज और देश के लिये नुकसानदेह है’’ यह बात सबको माननी होगी।

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