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अरुण शौरी ने काॅलेज लेक्चर में बड़ी ही सुंदर बात कही “We have no price” उनके कहने का संदर्भ था कि हम जिस पेशे में हैं, उसे पूरी ईमानदारी से करें। तुच्छ-सी राशि के लिए अपने ईमान को ना डगमगाएं।

आजकल ऐसी बात कोरे अनमोल वचन-सी लगती हैं। बहुत दिनों बाद किसी शख्स से इस तरह की बात सुनकर उनपर विश्वास किया था लेकिन इस लेक्चर के बाद दो घटनाएं ऐसी हुईं जिसने इस बात के मायने ही बदल दिए।

ईमानदारी से ड्यूटी करने पर मौत

यह बेहद अपमानज़नक और दु:खद बात है कि एक व्यक्ति को ईमानदारी से ड्यूटी करने की सज़ा मौत मिलती है।

पंजाब के खरड़ में महिला ड्रग अफसर नेहा सूरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या की वज़ह थी 2009 में बलविंदर सिंह की केमिस्ट शॉप का लाइसेंस रद्द करना क्योंकि वह प्रतिबंधित दवाएं बेचता था। जिसकी सजा उसे 10 साल बाद मिली।

ड्रग कंट्रोलर की ज़िम्मेदारी विशेष तौर पर कुछ विशिष्ट ड्रग्स जैसे ब्लड, ब्लड प्रोडक्ट, आईवी फ्लूइड, वैक्सीन और सेरा के लिए लाइसेंस को मान्य करना होता है।

ड्रग से संबंधित ज़्यादा अपराध पंजाब में

एनसीआरबी 2013 की रिपोर्ट्स के अनुसार ड्रग से संबंधित सबसे ज़्यादा अपराध पंजाब में हुए थे और वहां ईमानदारी से काम करने की इजाज़त भी नहीं है। ऐसे में वहां नियुक्तियों पर रोक लगा देनी चाहिए और ड्रग सप्लायर्स को खुलेआम उनका धंधा करने देना चाहिए।

पहले सिखाया जाता था कि हर काम ईमानदारी से करना चाहिए लेकिन अब लगता है कि अगर आप चरित्र और ईमानदारी नाम के गहने से सुशोभित हैं तो उसका खामियाज़ा कभी-न-कभी भुगतना पड़ेगा।

समझौता एक्सप्रेस का मामला

दूसरी खबर जिसने अरुण शौरी की बात को टिकने नहीं दिया है, वह है 2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुई ब्लास्ट। जिसमें 68 लोगों की जान चली गई, लेकिन एनआईए ने सबूतों को दबा दिया और सभी आरोपी छुट गए।

एक तरफ लोग अपनी ईमानदारी से कर्तव्य निभाते हुए जान की बाज़ी दे रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ कुछ ने अपना ईमान बेच दिया।

क्या लोगों का ज़मीर इतना गिर चुका है कि लोगों की भयावह चीख भी उनको विचलित नहीं करती? मेरे अपने मत के अनुसार “जब भारत पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ सशक्त होकर लड़ रहा है। उस समय इस तरह की घटनाएं एक अलग ही देश की छवि प्रस्तुत कर रही है।

दोनों घटनाएं एक दूसरे से अलग हैं लेकिन एक ही समय में दो अलग-अलग पहलुओं से परिचित करवाती हैं।

अब फैसला आपको करना है कि आप अपनी ज़िंदगी स्वार्थ और अपना ईमान बेचकर, लोगों की बर्बादी को अपनी सफलता के साथ जोड़कर पूरी करते हैं या ईमानदारी और लोगों की दुआओं के साथ जीते हैं।

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