Site icon Youth Ki Awaaz

क्यों भारतीय मूर्ख कहलाना ज़्यादा पसंद करते है?लेकिन सवाल करना पसंद नही करते!

भारत का दुर्भाग्य है कि यहां की जनता अंग्रेज़ी राज के ज़माने से भी गयी गुज़री हो चुकी है.इसका मूल कारण है,अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी से भागना, ऐसा इसलिए क्योंकि आंकड़ों के हिसाब से अब भारतीय नागरिकों को अशिक्षित नही कहा जा सकता.भारत दुनिया का सबसे युवा और शिक्षित देश तो बन गया लेकिन अपनी उस समझ को खो चुका है जिसमें लोगों को सही ग़लत और अच्छे बुरे की पहचान हो सकती थी.जी हां, राजनैतिक हिसाब और खिलवाड़ से भारतीयों को इतना मूर्ख बना दिया गया है कि वो चाह कर भी समझदारी की बात नही कर सकते अगर ऐसा किया तो वो देशद्रोही कहलायेंगे! और इसमें समझदारी यह दिखाई गई के लोगों को मूर्ख कहा जाए तो ठीक है लेकिन देशद्रोही कहा जाए तो मामला उनकी योग्यता और आस्था का बन जाता है.

क्या भारतीय नागरिकों को ये नही सोचना चाहिए कि इंदिरा गांधी के ज़माने से गरीबी मिटाने का ढोंग करने वाली कांग्रेस अब 2019 चुनाव जीतने के बाद, कैसे गरीबी ख़त्म कर देगी?कैसे महिलाओं को 33% आरक्षण मिल जाएगा? इन सब पर सवाल उठाने चाहिए लेकिन 22 लाख सालाना रोज़गार दिए जाने वाले मामले में भी एक वर्ष के बाद 4 साल में कैसे रोज़गार बढ़ेंगे इन पर भी बात करनी चाहिए.
अब दूसरी तरफ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की बात करना भी ज़रूरी है.भाजपा ने यह साबित किया कि देश को कैसे गुमराह और व्यस्त रखा जाए.देश में नोटबन्दी लागू की गई,अब आप बताओ अपने 500 के चार नोट के बदले 2000 का नोट लेने के लिए पूरे देश को लाइन में लगा दिया गया और देश खुशी खुशी लग भी गया.जिस देश में लोग 500 के छुट्टे ढूंढने में 10 मिनट व्यस्त रहते थे अब 2000 के छुट्टे कराने में कम से कम आधा घंटा भटकते है.भाजपा ख़ुदको राष्ट्रभक्त पार्टी बताती है लेकिन 40 जवान एक साथ केवल भाजपा शासन में ही शहीद हुए है,इससे पहले इतना बड़ा आंकड़ा केवल युद्ध के समय का है.राम मंदिर 5 साल में नही बना पाए कारण बताया के मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन चुनावी घोषणा पत्र में राममंदिर बनाने का वादा कर रहे है तो अब क्या सुप्रीम कोर्ट के जज को खरीदोगे?भाजपा 2014 से कहती आ रही है कि 2022 तक किसान की आय दो गुना हो जाएगी तो इसी आय में 2019 तक कुछ प्रतिशत का इज़ाफा क्यों नही हुआ?या केवल 2021 की 31 दिसंबर मध्यरात्रि में अचानक से इसमें कोई उछाल आ जाएगा? इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही 2019 में मतदान किया जाना चाहिए. क्योंकि चौकीदारी तो आप जब ही करोगे जब कुछ कमाओगे अर्थात रोज़गार होगा तो कमाई होगी और कमाई होगी तभी चौकीदारी होगी.किसी भी देशभक्त को पहले समझदार होना चाहिए उसके बाद ही वो अच्छा देशभक्त बन सकता है क्योंकि मूर्खता देशभक्ति का प्रथम रूप नही है और जो मूर्ख है वो देशभक्त नही हो सकते.इसलिए यह हमें और आपको तय करना है कि समझदार देशभक्त बनना है या मूर्ख भक्ति में लीन होना है.

(हसन हैदर)

Exit mobile version