शर्म आनी चाहिए पुर्णिया प्रमंडल के नेताओं और बुद्धिजीवीयों को। बीते 11 अप्रैल को हिन्दी साहित्य के अमरकथा शिल्पी व स्वतंत्रता सेनानी फणीश्वरनाथ रेणु जी की पुण्यतिथि थी और बांकी सबकुछ यह तस्वीर बयां करती है जो कि पुर्णिया स्थित रेणु कुंज की है। हाय रे प्रशासन हाय रे जनप्रतिनिधि। रेणु के नाम से आज भी जिस पुर्णिया प्रमंडल को जाना जाता है और आईएएस के परीक्षार्थी सीना चौडा कर इंटरव्यू परीक्षा मे रेणु का गुणगान करते फुले नही समाते हैं,वही रेणु जिसके घर सूबे के मुखिया श्री नीतीश कुमार जी पटवा का साग भात (चावल) खाये थे। वहीं दुसरी ओर रेणु के नाम पर जो लोग जमकर राजनीति करते है उन्हें डुब मरना चाहिए। चुनावी लीला मे रेणु इतने बेगाने हो जाते है कि उन्हें एक गेंदा फुल का माला तक नसीब नहीं होता है। जबकि कथित नेता अपना परिचय में सबसे पहले बोलता है मैं रेणु जी की धरती से हूं ।
श्री प्रसेनजीत कृष्ण
अध्यक्ष, बिवियुमो