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देश पर राज करने वाली पार्टियां कब करेगी देश के मूल मुद्दों पर बहस

परतंत्रता की जंजीरो से मुक्ति पाने के बाद स्वतंत्र भारत देश की हर पार्टी द्वारा भारत देश से गरीबी हटाने की बात कहकर देश की सत्ता को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करके देश मे निवास करने वाले गरीबो के लिए कई प्रकार की हजारों योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया।

किन्तु शायद यह भारत देश का दुर्भाग्य ही रहा कि देश पर राज करने वाली किसी भी पार्टी की सरकार तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन के बाबजूद भी देश से गरीबी और गरीबो (दोनों में से किसी को भी)को मिटाने में कामयाबी हासिल न कर सकी तो ज्वालामुखी के समान विध्वंसकारी इस मुद्दे से देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए देश की पार्टियों द्वारा भारत देश को विश्व के मानचित्र पर सबसे विकसित देश बनाने का प्रण जनता के समक्ष लिया जाने लगा।

और देश में सरकार बनाकर पर राज करने के उद्देश्य देश की राजनैतिक पार्टियों द्वारा देश में बुलेट ट्रेन जैसी देश के मात्र 10 प्रतिशत आबादी के वहन योग्य लक्जरी सुविधाओ के सपने देश की जनता को दिखाये जाने लगे।

किन्तु विश्व के मानचित्र पर भारत देश को सबसे विकसित बनाने का सपना दिखाकर देश पर राज करने वाली जो पार्टियां बर्तमान समय तक देश की लगभग 80 प्रतिशत आबादी को शुद्ध जल तक उपलब्ध करवाने में सफल न हो सकी हो उन पार्टियो द्वारा बर्तमान समय में सरकार बनाकर राज करने के उद्देश्य निर्मित किये गए संकल्प पत्र में वर्णित घोषणाओ की सत्यता का अंदाजा लगाने में देश की लगभग 60 प्रतिशत अशिक्षित जनता को भी ज्यादा वक्त नही लगेगा।

इसलिए आज देश पर राज करने के उद्देश्य से पार्टियो द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत बनाये गए अपने-अपने संकल्प पत्रों में क्या-क्या लिखा इस बात पर बहस आवश्यक नही हैं,बल्कि आजादी के 70 वर्षों बाद भी देश की लगभग 70 प्रतिशत जनता दूषित पानी पीकर रात भर फुटफाथ पर भूखी क्यों सो रही हैं इस बात पर बहस होना अत्यधिक आवश्यक हैं।

“शेष क्षम्य”
एड. नवीन बिलैया(निक्की भैया)
सामाजिक एवं लोकतांत्रिक लेखक

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