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35 साल बाद बंद हुई Maruti Omni, देशभर के Kidnappers में शोक की लहर!

ऑटोमोबाइल की दिग्गज कंपनी मारुति सुजुकी ने अपनी चर्चित Maruti Omni की बिक्री बंद कर दी है. जिसके बाद देशभर के किडनैपर्स में शोक की लहर है. 35 साल से इस चर्चित गाड़ी का इस्तेमाल आम आदमी से ज्यादा किडनैपर्स ने किया. जिसका बड़ा उदाहरण हिंदी में फिल्मों कई वर्षों तक देखा गया है. 90 और 80 के दशक की अधिकतर फिल्मों में इस गाड़ी का इस्तेमाल किडनैपर्स ने बखूबी किया है. उस समय स्लाइडर डोर के रूप में आयी यह गाड़ी किडनैपिंग जैसे काम में बड़ी आसानी से इस्तेमाल होती थी.  जिसके प्रयोग कई सालों तक किया गया. लेकिन हाल ही मारुति सुजुकी द्वारा की गई घोषणा के बाद से देशभर के किडनैपर्स में शोक की लहर है.

मुख्यरूप से किडनैपिंग के पेशे में जुड़ें मुन्ना सिंह बताते हैं, वह इस पेशे में पिछले 27 से जुड़ें हैं. इससे पहले किडनेपिंग का काम उनके पिता जी करते थे. उन्हें यह काम विरासत में मिला है. इस बड़े फैसले पर बचपन की एक धुंधली याद ताज़ा करते हुए मुन्ना सिंह बताते है, ‘मुझे अभी भी याद भी पहली कैसे पिता जी ने मुझे गाड़ी में बैठकर किडनेपिंग करने ले गए थे. मैं बिलकुल चौंक गया था जब एक में पल में मेरे से सामने दरवाज़े खुला और अगले ही पल हमारा टारगेट हमारी गाड़ी के अंदर था. मेरे लिए ये किसी चमत्कार से कम नहीं था. किडनेपिंग की दुनिया में ये मेरा पहला अनुभव था. जिसके बाद Omni को लेकर मेरा एक जुड़ाव सा हो गया है. लेकर आज मारुति सुजुकी द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद से मैं सुबह से स्तब्ध हूं.’ ये सब बताते हुए मुन्ना सिंह का गला रुंध गया और वो फफक-फफक कर रोने लगे. ऐसे ही देशभर के तमाम गुंडों और बदमाशों की यादें इस गाड़ी सी जुड़ीं हैं.

Maruti Omni के इस फैसले के आने के बाद लोगो नोस्टालजिक फील कर रहे हैं.

इस मामले पर एक पुराने बदमाश और अपने समय के कुख्यात बाबू बजरंगी बताते हैं, ‘एक समय इस Omni गाड़ी की वजह से हमारा सारे शहर में खौफ हुआ करता था. लोग इस गाड़ी को रास्ते में देखकर अपना रास्ता बदल देते थे. लेकिन अब माहौल वैसा नहीं रहा है. जिस गाड़ी का खौफ दिखाकर हमने अपना भौकाल बना रखा था. आज उसका इस्तेमाल इन बेकरी और कैफ़े वालों ने मंचूरियन और फ्राइड राइस ढोने के लिए कर रखा है. अच्छी भली गाड़ी को मॉडिफाई  कर ऐसे कामों में लगा रखा है. सबसे बुरा तो हमें तब लगता है जब चौराहों पर इस गाड़ी का इस्तेमाल पांच-पांच रूपए के रंग-बिरंगे जूस और हर माल 200 रूपए वाले कपड़े बेंचने के लिए करते हैं.

बजरंगी आगे बताते हैं, ये सब देखकर हमें दुख तो बहुत होता है, लेकिन अब हम कर भी क्या सकते हैं. समय सबका बदलता है. लेकिन इस गाड़ी के साथ हमारी बहुत यादें जुड़ीं. चूंकि मारुति ने इतना बड़ा फैसला ले ही लिया है तो इससे हमारे कारोबार में थोड़ी तो गिरावट आएगी लेकिन अफ़सोस हमारे हाथ बंधे हुए हैं और हम कुछ कर नहीं सकते. लेकिन एक बात तो तय है हमारे कारोबार में Maruti Omni की कमी कोई दूसरी गाड़ी पूरी नहीं कर सकती है.

 
 
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