Site icon Youth Ki Awaaz

“सोच रहा हूं पाकिस्तान में एक पटाखे की दुकान खोल लूं”

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया है, “पाकिस्तान मोदी को क्यों जिताना चाहता है? मोदी जी देश को बताएं कि पाकिस्तान के साथ उनके कितने गहरे रिश्ते हैं? सभी भारतवासी जान लें कि अगर मोदी जी चुनाव जीते तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे।”

दरअसल, केजरीवाल का यह ट्वीट उस खबर के बाद आया, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा,

अगर भारत के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत होती है और नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो शांति वार्ता की संभावना ज़्यादा रहेगी।

बस फिर क्या था कॉंग्रेस समेत सभी वे दल जो भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी बांछे खिल गईं कि आ गया ऊंट पहाड़ के नीचे। देखा जाये तो सबसे ज़्यादा धन्यवाद इमरान खान का कॉंग्रेस को बोलना चाहिए क्योंकि यह कलंक अभी तक उसके माथे फूट रहा था।

जब भी किसी राज्य में विधानसभा या देश चुनाव होते हैं तो भाजपा का एक बयान ज़रूर आता था कि यदि कॉंग्रेस चुनाव जीती तो पाकिस्तान में पठाखे फोड़े जायेंगे। पिछले दिनों ही मेहसाणा में बीजेपी की विजय संकल्प रैली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था,

जब 23 मई को परिणाम घोषित होगा और यदि गलती से कॉंग्रेस जीत जाती है तो पाकिस्तान में दिवाली मनाई जाएगी।

हालांकि पता नहीं लोगों ने इस बयान को कैसे लिया पर मुझे खुशी हुई कि पाकिस्तान में अभी तक सिर्फ ईद मनायी जाती है। हम भी चाहते हैं वहां दीवाली भी मने। तो भाई, अगर ऐसा हो तो इसमें बुराई क्या है? आप तो हिन्दुत्व के ठेकेदार हो, क्या आप नहीं चाहते पाकिस्तान में दीवाली मनायी जाये?

बहराल, मेरी उम्र कम है, इस लिहाज़ से ज़्यादा तो पता नहीं पर क्या 70 साल से ज़्यादा उम्र का कोई ताऊ या चाचा बता सकते हैं कि जब 1980 में पूर्ण बहुमत में इंदिरा गाँधी की सरकार बनी या बाद में राजीव की, इसके बाद नरसिम्हा राव की सरकार बनी हो या फिर दो बार मनमोहन सिंह की तब पाकिस्तान में कितने पटाखे फोड़े गये थे और कितनी बार दीवाली मनाई गयी?

आज देशभक्ति का अर्थ दूसरा है। छोटी-छोटी उम्र के नई नवेले देशभक्त हैं और वो सन् 1962-65 और 71 के देशभक्तों को तो आज कुछ और ही मान बैठे।

खैर, बात पटाखे की दुकान की चल रही है, अब अपने देश में पटाखे की दुकान खोलूं तो शायद चलेगी नहीं, क्योंकि क्रिकेट का अब उतना बुखार रहा नहीं और दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट पालथी मारकर बैठ जाती है, तो सोच रहा हूं कि चुनाव तो हमारे यहां 12 मास चलते रहते हैं तो क्यों ना पाकिस्तान में ही पटाखे की दुकान खोल लूं।

अब यह सच में हो सकता है, जिसे-जिसे मेरी बात पर यकीन ना हो तो वे आरएसएस नेता इन्द्रेश कुमार जी का पिछले महीने का बयान ज़रूर सुन ले। जब वह कह रहे थे,

आप लिखकर ले लीजिए 5 या 7 साल बाद आप कहीं करांची, लाहौर, रावलपिंडी या सियालकोट में मकान खरीदेंगे और दुकान लगाएंगे।

अब इससे अच्छा मौका कब आएगा। तो सोच रहा हूं कि लगे हाथ पहले ही जा बैठूं। 5 साल बाद तो दुकान इतनी महंगी हो जाएगी कि क्या पता फिर मिले या ना मिले।

असल में यह चुनाव के समय का रिवाज़ सा बन गया है, जब पाकिस्तान में चुनाव आते हैं तो दो महीने वे लोग हमें सुनाते हैं, बर्बाद करने की धमकी देते हैं, ये कर देंगे वो कर देंगे और जब हमारे यहां चुनाव आते हैं, तो यही सब हमारे यहां दोहराया जाता है।

पता नहीं यह सब देश की जनता कब समझेगी। नेताओं से भी मेरा निवेदन है कि ईश्वर के लिए अपने कार्यों में ना सही कम-से-कम बयानों में कुछ बदलाव ले आओ। बाकी बस यही कह सकता हूं कि चुनाव है भाई, लगे रहो ताकि इस भारत-पाकिस्तान, गद्दार-देशभक्त, तू-तू मैं-मैं में मतदाताओं का भी मन लगा रहे और देश के असली मुद्दे छिपे रहें।

Exit mobile version