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नैश्नल एससी-एसटी हब का बजट 5000 करोड़ किए जाने की मांग

दलित समुदाय

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केंद्र सरकार की नैश्नल एससी-एसटी हब योजना, जिसका बजट 490 करोड़ रुपए था, उसे 10 गुना बढ़ाकर 5000 करोड़ करने की मांग गौतम बुद्धा एजुकेशन एवं सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष नीरज राठौर ने की है।

राठौर ने बताया कि केंद्र सरकार ने पंजाब के लुधियाना में अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी-एसटी) कम्युनिटी के एंटरप्रेन्योर्स की सहायता के लिए नैश्नल एससी-एसटी हब 2016 में लॉन्च किया था। इसकी शुरुआत 490 करोड़ रुपए के बजट से की गई थी। यह बजट पर्याप्त नहीं है क्योंकि देश में एससी-एसटी समुदाय की आबादी 25 करोड़ है।

यह हब पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों (सीपीएसई) को छोटे उद्योगों से न्यूनतम खरीद के लिए सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम बनाने का प्लान था। अभी एमएसएमई सेक्टर की जीडीपी में है 38% हिस्सेदारी है और एससी-एसटी की भागीदारी बढाने के लिए 490 करोड़ का बजट पर्याप्त नही है|

एमएसएमई सेक्टर भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए अहम है, जिसकी देश के ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) में लगभग 38% हिस्सेदारी है और इसमें लगभग 11 करोड़ लोगों को रोज़गार मिला हुआ है। इसमें कितने एससी-एसटी है इसका सर्वे होना चाहिए|

आपने योजना तो अच्छी चालू की लेकिन इतना बड़ा देश एवं एससी-एसटी की विशाल आबादी को देखते हुए इसका बजट 10 गुना बढाकर 5000 करोड़ रूपए करने का कष्ट करें, जिससे पॉज़िटिव आउटकम आ सके।

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