प्रिय साथियों नमस्कार,
लोकसभा चुनाव 2019 झूठ पर सत्य के विजय का चुनाव है। बीते लोकसभा चुनाव, 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने चाय पर चर्चा कर विभिन्न मुद्दों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें काला धन वापस लाने, 2 करोड़ रोज़गार देने, किसानों की आय दोगुनी, 100 स्मार्ट सिटीज़, महंगाई खत्म करने सहित अनेक बातें शामिल थी।
आज केंद्र सरकार को पांच साल पूरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी के लोग इन मुद्दों पर बात तक करना भी पसंद नहीं कर रहे हैं। बीते लोकसभा चुनाव में विकास को लेकर वोट मांगने वाली बीजेपी ने आज देश की उन्नति और प्रगति को ट्रैक से ही नीचे उतार दिया है। किसान बदहाल है, युवाओं को रोज़गार की तलाश है, पेट्रोल-डीजल के आये दिन बढ़ते दाम ने आम आदमी का सुकून से जीना ही दूभर कर दिया है।
विकास और मौजूदा समय में व्याप्त चुनौतियों से बीजेपी का कोई वास्ता ही नहीं रह गया है। इन पांच सालों में भारत जैसे विविधता पूर्ण देश में सामाजिक सौहाद्रता को मानो किसी की नज़र सी लग गयी है। सरकार से सवाल पूछना गुनाह सा हो गया है।
देश की जनता से जो बड़े-बड़े वादे करके बीजेपी ने सत्ता प्राप्त किया था, वे वादे अब जुमला बन गए हैं। भाजपा पूरी निष्ठा के साथ लगी हुई है कि इस लोकसभा चुनाव में जनता को असल मुद्दों से भटकाकर चुनाव को अन्य दिशा में ले जाया जाए। बीजेपी ने 5 सालों के कार्यकाल के दौरान जीएसटी, नोटबंदी जैसे अपनी विफलताओं को देशवासियों पर थोपने के अलावा और कुछ नहीं किया है। ये सरकार हमारे भविष्य युवा पीढ़ी को रोज़गार मांगने पर पकौड़ा तलने की सलाह देती है।
पांच साल के दौरान बेरोज़गारी की बढ़ती समस्या किसी से छिपी नहीं है। अन्नदाता किसान भी मोदी जी की सरकार में अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है। मोदी सरकार के कामकाज सोशल मीडिया और अखबारों में विज्ञापन पर तो दिखते हैं, किंतु धरातल में इनका कोई वजूद नज़र नहीं आता।
किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली सरकार का अब किसान भाइयों से कोई सरोकार नहीं रह गया है। किसानों के आर्थिक समृद्धि और खुशहाली के लिए अहम स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के बारे में तो मोदी सरकार बात भी नहीं करती है।
इन सबसे उलट कॉंग्रेस पार्टी चाय पर चर्चा की जगह गरीब, युवा और किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर आय पर चर्चा कर रही है। आय पर चर्चा करने के पीछे कॉंग्रेस पार्टी का उद्देश्य देश के हर गरीब परिवार को न्याय दिलाना है।
बीते 3 माह के दौरान कॉंग्रेस की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में लाखों किसान, युवाओं और नागरिकों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव इसका उदाहरण है।
“हम निभाएंगे” आपसे किये हर वादे-
72 हज़ार, गरीबी पर वार
कॉंग्रेस पार्टी ने देशवासियों के उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरुप हर वर्ग को न्याय दिलाने की दिशा में घोषणापत्र तैयार किया है। हमारी पार्टी ने घोषणापत्र ‘हम निभाएंगे’ में गरीबी पर वार करते हुए सरकार बनने पर 5 करोड़ गरीब लोगों को प्रति वर्ष 72 हज़ार रुपये देने की बात की है। इसका फायदा देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों को होगा। कॉंग्रेस पार्टी की कोशिश अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाना है। न्याय योजना के तहत हर परिवार को सालाना 72,000 और पांच साल में 3,60,000 रुपये उनके खाते में डाले जाएंगे।
गरीब, किसान और युवाओं को बीते लोकसभा चुनाव में वोट लेकर छलने वाले मेरे बीजेपी के मित्रगणों को अब यह न्याय योजना चुभने लगी है और वे इसको लेकर तरह-तरह के भ्रम फैलाने में लगे हैं कि ये पैसा करदाता के दिए गये टैक्स से दिया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारें कुल मिलाकर हर साल 60 लाख करोड़ रुपये खर्च करती हैं।
इस योजना के लिए लगभग साढ़े तीन करोड़ लाख रुपये चाहिए, जो सरकारी खर्च का सिर्फ 6 प्रतिशत है। वैसे हर साल इतने पैसे सबसे अमीर लोगों को कर में छूट के नाम पर दे दी जाती है। अगर यह छूट बंद कर दी गई तो बिना एक पैसे अतिरिक्त कर के भी यह पैसे दिए जा सकते हैं। फिर इस योजना से जो विकास होगा, उससे दो सालों में इतना पैसा अतिरिक्त कर भी आने लगेगा। इसके लिए मध्यम वर्ग पर एक पैसा अतिरिक्त कर लगाने की ज़रूरत नहीं है।
न्याय योजना को लेकर कॉंग्रेस पार्टी का विज़न पूरी तरह से साफ है। यह योजना गरीब परिवारों को न्यूनतम आय गारंटी के रूप में उनका हक दिलाने वाला है। न्यूनतम आय गारंटी को बनाने से पहले कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों से विचार विमर्श किया गया है। यह योजना पूरी तरह से क्रियान्वयन करने योग्य है और हम राजकोषीय अनुशासन को भी बनाए रखेंगे।
किसानों के लिए अलग बजट
राष्ट्र की प्रगति का मज़बूत आधार हमारा अन्नदाता किसान है। केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति के चलते आज किसानों की स्थिति अत्यंत ही चिंताजनक हो चुकी है। किसान भाइयों के चेहरों पर छाई मायूसी को दूर कर उनकी समृद्धि और खुशहाली के लिए कॉंग्रेस पार्टी अलग से किसान बजट लेकर आएगी। किसानों को कर्ज़ ना चुकाने की वजह से किसानों पर क्रिमिनल केस दर्ज होता है लेकिन कॉंग्रेस की सरकार आने पर इसे सिविल केस घोषित करेंगे। कॉंग्रेस पार्टी अपने घोषणापत्र के अनुरूप कृषि विकास और योजना पर एक स्थायी राष्ट्रीय आयोग की स्थापना भी करेगी।
नौकरी क्रांति
कॉंग्रेस के लिए देश के युवाओं को नौकरी (सरकारी और निजी दोनों नौकरी) पहली प्राथमिकता होगी। हम सार्वजनिक क्षेत्र में 34 लाख नौकरियां सुनिश्चित करेंगे। मार्च 2020 से पहले सभी 4 लाख केंद्रीय सरकार की रिक्तियों को भरेंगे। कॉंग्रेस पार्टी राज्य सरकारों से राज्य की 20 लाख खाली पदों को भरने के लिए बातचीत करेगी।
हर ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में लगभग 10 लाख नए सेवा मित्र पदों का सृजन करेंगे। हम निजी क्षेत्र में भी नौकरियों का रास्ता निकालेंगे। इसके लिए नौकरी सृजन और अधिक महिलाओं को रोज़गार देने पर बिजनेस को बढ़ावा देगी। तीन साल के लिए देश के युवाओं को बिजनेस खोलने के लिए इजाज़त की ज़रूरत नहीं होगी।
शिक्षा पर जीडीपी का 6 फीसदी खर्च
कॉंग्रेस सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से बारहवीं तक की शिक्षा अनिवार्य और मुफ्त करने का वादा करती है। स्कूलों में पर्याप्त आधारभूत संरचना और योग्य शिक्षक होंगे। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम 2023-24 तक जीडीपी का 6 फीसदी शिक्षा खर्च करेंगे। केंद्र सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के चलते आज देश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का स्तर नीचे गिरता ही जा रहा है। कॉंग्रेस पार्टी भारत को विश्वगुरु बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
स्वास्थ्य पर जीडीपी का 3 फीसदी खर्च
कॉंग्रेस के शासन काल में देश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का भी अधिकार मिलेगा। पार्टी ने राइट टू हेल्थकेयर एक्ट को लागू करने का वादा किया है। सभी नागरिकों को सरकारी अस्पतालों और सूचिबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त डायग्नोस्टिक्स, आउट-पेशेंट केयर, मुफ्त दवाओं और अस्पताल में भर्ती की सुविधा केंद्र में कॉंग्रेस पार्टी की सरकार बनते ही मिलेगा। हम 2023-24 तक जीडीपी का दोगुना 3 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवा पर खर्च करेंगे।
जीएसटी के लिए एक टैक्स दर
प्रधानमंत्री मोदी जी के गब्बर सिंह टैक्स की जगह व्यापारी भाइयों को व्यापार करने में सहूलियत हो कॉंग्रेस पार्टी ऐसा जीएसटी बनाएगी। एक टैक्स दर, निर्यात के लिए शून्य रेटिंग और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के लिए छूट के साथ जीएसटी को सरल बनायेंगे। पंचायतों और नगरपालिकाओं को भी आर्थिक आधार पर मज़बूती प्रदान करने के लिए जीएसटी राजस्व का एक हिस्सा देने का वादा कॉंग्रेस के वचन पत्र में किया गया है।
रक्षा खर्च बढ़ाएंगे
कॉंग्रेस एनडीए सरकार में रक्षा खर्च में कमी करने के ट्रेंड को बदलेगी और सैन्य बलों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इसे बढ़ाएगी। हम सशस्त्र बलों के सभी आधुनिकीकरण कार्यक्रमों को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाएंगे। हम अपने अर्धसैनिक बलों और परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करेंगे।
महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण
कॉंग्रेस लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों के आरक्षण वाले महिला आरक्षण विधेयक को 17वें लोकसभा के पहले सत्र में पारित करने का वादा करती है। कॉंग्रेस महिलाओं के लिए केंद्र सरकार में सभी पदों/रिक्तियों में भी 33 प्रतिशत आरक्षण देगी।
आदिवासियों को वन अधिकार
हम वन अधिकार अधिनियम- 2006 को लागू करेंगे और इसके तहत अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले अधिकारी की रक्षा करेंगे। कोई भी वनवासी गलत अन्यायपूर्ण बेदखल नहीं किया जाएगा। हम नॉन-टिंबर फॉरेस्ट प्रोड्यूस (एनटीएफपी) के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना करेंगे। आदिवासियों की आजीविका और आय में सुधार करने के लिए हम एनटीएफपी के लिए न्यूनतम समर्थन देंगे। आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ को इसका सबसे अधिक फायदा होगा।
घर का अधिकार
अगर किसी के पास घर बनाने के लिए अपनी ज़मीन नहीं है, तो उसके लिए हम हर ग्रामीण घर के लिए भूमि का एक टुकड़ा देने के लिए वासभूमि अधिकार अधिनियम को पारित करेंगे।
हेट क्राइम्स का खात्मा
एनडीए सरकार के पिछले 5 साल में समाज के कमज़ोर वर्गों के खिलाफ हेट क्राइम्स कई गुना बढ़ गए हैं। कॉंग्रेस यह भावना खत्म करने, भीड़ की हिंसा और हिंसा को रोकने और एससी, एसटी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार और घृणा अपराधों को रोकने का वादा करती है। कॉंग्रेस दंगों, भीड़ हिंसा और घृणा अपराधों के मामले में लापरवाही साबित होने पर पुलिस और ज़िला प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराएगी।
प्रिय साथियों, मैंने कॉंग्रेस पार्टी द्वारा घोषणापत्र में देश की जनता से किये सभी वादे विस्तार पूर्वक रखे हैं। किसी भी काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए नियत का होना बहुत ज़रूरी है। हमारी नियत और नियति दोनों स्पष्ट है। हमने अपने घोषणापत्र में देश की जनता से जो भी वादे किये हैं, उनको पूरा करने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध हैं।
जय जोहार, जय छत्तीसगढ़