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एमपी के बच्चों ने मांगा साफ पानी और नशा मुक्त प्रदेश

एमपी के बच्चे

एमपी के बच्चे

जबलपुर के स्नेह सदन में 3 अप्रैल को संपन्न हुए बाल घोषणा अभियान के अंतर्गत संभाग स्तरीय संवाद में संभाग के कई ज़िलों से बच्चे आए। बच्चों ने 18 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए समान, निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कामकाज में लगे बच्चों को बालश्रम से सुरक्षा की मांग की। बच्चों ने अपनी समस्याएं और मांगें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने रखी।

परिचर्चा का आयोजन बालश्रम विरोधी अभियान मध्य प्रदेश, निवसीड-बचपन, नागरिक अधिकार मंच, चाइल्ड लाइन एवं सेव द चिल्ड्रेन द्वारा किया गया था। संचालन शिवकुमार चौधरी और आभार ज्ञापन अखिल चौकसे ने किया।

बच्चों के मुद्दों को मिले प्राथमिकता

परिचर्चा की शुरुआत में अभियान के बारे में जानकारी देते हुए सत्येंद्र पांडे ने बताया कि बालश्रम विरोधी अभियान बालश्रम की पूर्ण समाप्ति तथा 18 साल तक के सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय है। उनका प्रयास है कि बच्चों के सवाल भी राजनीति की प्राथमिकताओं में शामिल हो और लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मुद्दा बने।

परिचर्चा में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर बच्चों के सवालों के जवाब देते हुए अपनी बात रखी। इस कार्यक्रम में भाजपा से डॉ संजय चौधरी, काँग्रेस से राजेश सोनकर, बसपा से अरविन्द चौधरी, सीपीआई से राजेन्द्र गुप्ता, जदयू से रामरतन यादव, एनएपीएम से राजकुमार सिन्हा, स्वराज अभियान से अमित पांडे, हमारा अधिकार अभियान से अनिल कर्णे, टाटा इंस्टीट्यूट से उमा झारिया और सेव द चिल्ड्रेन से प्रदीप नायर शामिल हुए।

सभी वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि यह हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा हासिल हो सके। समाज और देश की राजनीति के लिए बच्चों के मुद्दे प्राथमिक होने चाहिए।

बच्चों ने साझा किए अपने मुद्दे

बाल समूह अंबेडकर नगर की काजल चौधरी ने अपनी बस्ती में बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं उठाई तो बादशाह हलवाई मंदिर बस्ती की रिया चौधरी ने बच्चों के संगठन द्वारा की गई पहल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बस्ती में गंदा पानी सप्लाई होता था, जिससे बच्चे बीमार हो रहे थे। इस समस्या पर बच्चों ने पार्षद को ज्ञापन सौंपा और समस्या का हल भी निकला।

फोटो साभार: Satyendra Pandey

बाल मित्र समूह के विकास पांडे और करिश्मा ने कहा कि हर ज़िले में नशा मुक्ति केंद्र बनाए जाने चाहिए। स्कूलों में बच्चों को काउंसलिंग की सुविधा मिलनी चाहिए। इस तरह की कई मांगें बाल पंचायत के बच्चों एवं बाल श्रम विरोधी अभियान से जुड़े स्वयंसेवी संस्थाओं ने बाल घोषणा पत्र में उठाई है। इन मांगों को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों को सौंपा जाएगा और उनसे बच्चों के हित में काम करने का वचन लिया जाएगा।

इस अवसर पर बाल कल्याण समिति जबलपुर के अध्यक्ष मनीष पांडे ने समिति की ज़िम्मेदारियों से बच्चों को अवगत कराया और आग्रह किया कि यदि कोई भी बच्चा संकट में दिखाई दे तो उसकी सहायता करते हुए उसे समिति के समक्ष प्रस्तुत करें।

बाल कल्याण समिति की सदस्य मेघा पवार ने कहा कि यह मुहिम बहुत अच्छी है और यह रुकनी नहीं चाहिए। हम सबके साझा प्रयासों से बच्चों के सर्वोत्तम हित में नतीजे निकलने चाहिए।

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