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रेप सर्वाइवर बिलकिस बानो को 17 साल बाद मिला इंसाफ

bilkis bano

गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के घर पर हमला हुआ। बिलकिस 5 माह की गर्भवती थीं, उनका सामूहिक बलात्कार किया गया। उस वक्त बिलकिस 19 साल की थीं। बिलकिस की 3 साल की बच्ची समेत दंगाइयों ने परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी। बिलकिस ने खुद के साथ हुए बलात्कार की शिकायत थाने में 3 मार्च 2002 को लिखवाई। इस घटना के बाद बिलकिस रिलीफ कैम्प में ज़िन्दगी गुज़ार रही थीं।

बिलकिस बानो। फोटो सोर्स- Getty

पत्रकार तीस्ता सीतलवाड़ को जब जानकारी हुई तो तीस्ता ने बिलकिस का इंटरव्यू लिया उसके बाद बिलकिस का मामला देशभर में गूंज उठा। आवाज़ उठने लगी इंसाफ की लेकिन उस वक्त की सरकार में उन्हें इंसाफ नहीं मिल सका।

सीबीआई जांच हुई, बिलकिस ने गवाहों के मारे जाने व सीबीआई की जांच के दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ की चिंता जताई। उसके बाद मामले को 2004 में बॉम्बे हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया व 2008 में 11 आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई।

गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो को 5 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की पेशकश की, जिसको बिलकिस ने ठुकरा दिया। इंसाफ तो बिलकिस को 2008 में आरोपियों को हुई उम्रकैद के बाद ही मिल गया था लेकिन आज फिर से एक बार बिलकिस बानो को इंसाफ मिला है लेकिन सवाल यह ही है कि एक रेप सर्वाइवर को इंसाफ लेने के लिए 17 साल कोर्ट में लगाने पड़ गए। आज सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को बिलकिस बानो को 50 लाख रुपए का मुआवज़ा व एक घर व सरकरी नौकरी देने का आदेश दिया है।

अब उम्मीद है कि नज़ीब की माँ को भी जल्द इंसाफ मिलेगा। सिर्फ तवक्को की जा सकती है, हालांकि सीबीआई ने नज़ीब केस को क्लोज़ कर दिया है। इंसाफ ज़रूर होगा लेकिन अल्लाह की अदालत में, क्योंकि यहां तो साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोगों को संसद में पहुंचाने की तैयारी चल रही है।

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