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- अखाति चाँद दिख गया है,आदिवासी समाज के पुरखो से चली आ रही परम्परा अनुसार नये साल की सुरुआत
- *नये साल की सुभ कामनाये*
*अखाति का महीना सुरु हो गया* - अखाति माह मे चांद,
आदिवासी समाज का नया साल सुरु - प्रकृति की गति दिशा अनुसार प्राकृतिक परिदृश्य अनुसार बदलते मानसून
सत्र से आदिवासी समाज की कार्यदिशा,सामाजिक कार्य सुरु,
नया साल सुरु हो गया है।
अखाति का चाँद(नोवो देखाय गोयो) - समाज की रीति है ,अखाति का चाँद जब दिखाई देता है तो ,,
शाम के समय पश्चिम दिशा मे चाँद को देखते है,जिसमे लोग अपने हाथो मे जवार के दाने लेकर चाँद को देखकर हाथ जोड़कर नमन करते है,,
उसके बाद आँखे बन्द करके नया साल अच्छा रहे,
इस साल की बारिस अच्छी रहे ,खेत मे फसल अच्छी आये,
सभी लोग अच्छे रहे,आदि मनोकामनाये मांगते हुए नये साल की सुरुवात करते है,,,
ओर फिर शाम से अपनी रीति रिवाज करके
*गेहू के आते से ताया बनाकर*
पूर्वजो ओर अपनी रीति रिवाज से पूजा करके जमीन पर रख करके भोजन ग्रहण करते है। - *नोवोलो साल आय गोयो*
आप सभी को आदिवासी समाज के प्रकृति दृष्टिकोण से नये साल मे समाज के लोगों मे नइ उमंग के साथ सुरु हो गया है,
कोयल की सुरीली आवाज,,भोवरो की भीन-भीन,चिड़ियों की चहकाहात,
पलास के पेड़ो पर फूल खिल उठे है,
*अच्छी बारिस की कामना*
आदिवासी समाज जैसे ही अखाति का चांद दिखता है,
उस समय से पूर्णिमा तक के समय के बीच नर्मदा,या अन्य बड़ी तीर्थ नदियों मे नहाने एवं अच्छी बारिस की कामानाये लेकर नहाते एवं पूजा कार्य करके,
उस नदी के जल को घर भी ले जाते है,ओर घर मे छिड़कते है,ओर
घर की बोमात पर एक बोतल मे उस जल को लटकाकर बांध देते है,उसे दूसरे साल नहाने जाने तक रखते है, - *नवोलो साल आय गोयो*
लोग अपने खेतो को सुधारने मे लग गये,
खेतो के पाले,मेड बनाना,सफाई कार्य,खेत की जुताई,,,,,,,
नई फसल के बुआई के लिए बरसात से पहले सफाई कार्य सुरु हो गया है।
आप सभी को आदिवासी परिवार की ओर से अखाति का नये साल की हार्दिक-हार्दिक सुभ कामनाये,,
प्रकृति की गोद मे प्राकृतिक सुख शांति बने रहे ,इस साल भी अच्छी बारिस की कामना,अच्छी फसल की कामना,अच्छे कार्य हो,हर मनोकामनाये पूर्ण हो ,
रुके कार्य पूर्ण हो ,,
जितना मालूम वो लिखने की कोशिश की है कोई गलती हो तो क्षमा,,,
*अखाति ने नोवो देखाय गोयो
नवलो साल सुरु होय गोयो*
जो लोग अपनी संकृति ,सभ्यता,पूर्वज, सभ्यता,रीतिरिवाज,जीवनशेली,भूल गये कृपया जान ले
फिर से मुड़ आओ अपने समाज की सभ्यता की ओर
*हम गर्व करते है की हम आदिवासी हूँ*
*जय आदिवासी*
*!!धर्मपूर्वी आदिवासी समाज!!*
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