मुझे अब डर नहीं लगता
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किसी के दूर जाने से, तअल्लुक टूट जाने से,
किसी के मान जाने से, किसी के रूठ जाने से !
मुझे अब डर नहीं लगता
किसी को आज़माने से, किसी के आज़माने से,
किसी को याद रखने से, किसी के भूल जाने से !
किसी को छोड देने से, किसी के छोड जाने से
ना अब शम्मा जलाने से, ना शम्मा को बुझाने से !
मुझे अब डर नहीं लगता
किसी की नारसाई से, किसी की पारसाई से
किसी की बेवफ़ाई से, किसी दुख इंतेहाई से !
मुझे अब डर नहीं लगता
अकेले मुस्कराने से, कभी ऑंसू बहाने से,
ना इस सारे ज़माने से, ना इक दिन मौत आने से !