माना कि हुकूमत के खिलाफ हम थोड़ा बोल लेते हैं,
लेकिन अपनी मॉं के लिए मोहब्बत हम भी रखते हैं।
मोदी आए या राहुल,
हम तो बस देश का भला और इतिहास रचना चाहते हैं।
हमने दो बात क्या पूछ ली,
तुम हमें वतन के बाहर करने की बात करते हो।
क्या “इन्हें पाकिस्तान भेजो” वाला टेक्स्ट
क्लिपबोर्ड में कॉपी करके हमेशा रखते हो?
मस्जिद बनाओ या मंदिर,
दुआ मांगो या मन्नत,
मैदान फतेह तभी,
जब करेगा बंदा मेहनत।
कमल आए या हाथ,
हिंदू-मुस्लिम बोलकर ना छोड़े एक दूसरे का साथ,
इंशाअल्लाह ज़रूर होगा इंडिया का विकास
जब मिलकर रहेंगे हम सारे मज़हब वाले साथ