इस बार चयनित होकर आने वाले प्रधानमंत्री जी यानी मोदी जी को मेरा सादर प्रणाम। आशा है कि अपनी जीत की खुशी से आपका स्वास्थ और बेहतर हो गया होगा और अब आप इस देश के भाग्य विधाता के रूप में अच्छा काम करेंगे। मैं नहीं जानती कि मेरे दिए गए वोट से आपको फायदा पहुंचा कि नहीं। मगर एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह मैंने मताधिकार का पालन किया और अब एक और ज़िम्मेदारी के तहत अपनी बात इस पत्र के ज़रिए आपके सामने रख रही हूं।
मोदी जी, देश आज सोशल मीडिया के ट्रोल्स और फोटोशॉप की हंसी ठिठोली के दौर में है, हो भी क्यों ना? जियो के सिम ने जो देश में क्रांति की है, उससे ये बदलाव लाज़मी था लेकिन आपसे उम्मीद है कि
- आप ग्लैमर के चक्कर में ना फंसकर असली मुद्दों पर बात करेंगे।
- अपने नाम के टीवी चैनल, फिल्म या वेब सीरिज़ से एजेंडा नहीं सेट करेंगे, क्योंकि आपकी महिमा अगर हुई तो वो खुद-ब-खुद लोगों के दिलों में घर कर जाएगी।
धर्म को राजनीति से अलग रखें-
प्रिय मोदी जी, मैंने कुछ सालों में समाज में एक अलग तरह का बदलाव देखा है। धर्म और आस्था हमारे लिए एक सेंसिटिव मुद्दा रहा, इसलिए राजनीति ने इसे हमेशा अपना हथियार भी बनाया। धर्म और आस्था के साथ-साथ देश चलाने के लिए व्यवसाय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार भी ज़रूरी है। आप कोशिश कीजिएगा कि ऐसा रास्ता निकाला जाए कि किसी की भी आस्था को ठेस ना पहुंचे और साथ में आस्था के नाम पर भीड़ अपने नफरत भरे मनसूबे ना पूरा करे।
नफरत फैलाने वालों को फॉलो ना करें
साथ ही उम्मीद है कि आप निंदक नियरे रखिए वाली बात का पालन करें और ऐसे लोगों को सोशल मीडिया या असल ज़िन्दगी में फॉलो नहीं करें, जो अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, भारत के प्रधानमंत्री की सोहबत में ऐसे लोग हो यह आपकी पद की गरिमा को बिल्कुल शोभा नहीं देता।
आप संवेदनशील रहें-
आपसे एक और निवेदन रहेगा कि आप संवेदनशील रहें। अपनी भाषा में तल्खी ना लाते हुए विनम्रता लाएं। हमारे देश में कई बच्चे हैं, जो भयंकर बीमारी से पीड़ित हैं, जिनके बारे में लोगों को कोई जानकारी नहीं है। आपसे उम्मीद करती हूं कि आप उन बीमारियों का मज़ाक उड़ाते हुए किसी पर कटाक्ष नहीं करें।
जंग चाहने वाली उन्मादी भीड़ को रास्ता दिखाएं-
कई महीनों से लोग जंग की भी बात कर रहे हैं और ताज्जुब वाली बात यह है कि जंग की बात वो कर रहे हैं, जो अपने बच्चों के 5 मिनट घर लेट हो जाने पर छाती पीटने लगते हैं। आपसे उम्मीद है कि आप कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देंगे, ताकि जंग चाहने वाला उन्मादी तबका भी सिर्फ बातों और अभद्रता में समय ना बर्बाद करते हुए असली मुद्दों को देख सके।
मैं यह बात जानती हूं कि प्रधानमंत्री के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है लेकिन यह पद लोगों के विश्वास का पद है। आप अपने व्यवहार और बातों से कभी उन्माद नहीं फैलाए। इस आशा के साथ आपको प्रणाम।
एक ज़िम्मेदार नागरिक
प्रियंका गोस्वामी