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“मेरे पास वाले गाँव में BJP नेता ने मुसलमानों के लिए भड़काऊ नारे लगाए”

संजय जयसवाल

संजय जयसवाल

बिहार के नरकटिया विधानसभा क्षेत्र के शेखौना गाँव में 12 मई को मतदान वाले रोज़ वर्तमान सांसद और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी संजय जयसवाल और वहां के स्थानीय मुसलमानों के बीच झड़प हुईउस झड़प में संजय जयसवाल को एक रूम में बंद कर दिया गया था।

मेरे गाँव से शेखौना की दूरी बहुत अधिक नहीं है और इसी वजह से वहां की गतिविधियों से मैं वाकिफ हो जाता हूं। वहां के रहने वाले नौशीन सना के मुताबिक संजय जयसवाल मतदान के दिन ही मुसलमानों के क्षेत्र में आकर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘पाकिस्तानी पाकिस्तान जाओ’ जैसे भड़काऊ नारे लगाने लगे। इस पर वहां के लोग भड़क गए और उन्हें लाठी से मार पीटकर बूथ-62 पर एक रूम में बंद कर दिया।

फोटो साभार: फेसबुक

इस मामले को बाद में भी भाजपा के उम्मीदवार संजय सजसवाल ने सांप्रदियक रंग देने की कोशिश की। उन्होंने ज़ी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उस गाँव में 10 प्रतिशत हिंदू हैं, जिन्हें मुसलमान दबा कर रखते हैं। उन्हें 2009 के बाद से वोट देने नहीं दिया गया है। हालांकि उसी शेखौना गाँव के एक रहने वाले ने बताया कि यह सब झूठ है। वह किसी दबाव में नहीं रहते थे और उनको कभी वोट देने से रोका नहीं गया है।

गोडसे को देशभक्त बताते बीजेपी के नेता

ऐसी घटना भारत की एकता और अखंडता के लिए काफी भयावह है। यहां के कुछ नेता महात्मा गाँधी के इस देश को गोडसे का देश बनाने में लगे हैं और गोडसे का देश कैसा होगा, उस बारे में सोचकर ही डर लगता है। इस देश के सच्चे नेताओं का दायित्व है कि वे इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाएं और देश में सुख-शांति का संदेश दें।

2019 का लोकसभा चुनाव खत्म हुआ और आज चुनाव परिणाम का दिन है। इस चुनाव में किस नेता ने क्या गुल खिलाने की कोशिश की, जनता से वोट लेने के लिए क्या-क्या चाल चले और लोग उनसे कितने प्रभावित हुए? इसका असर अगले पांच सालों तक दिखेगा।

फोटो साभार: Twitter

इस चुनाव में ज़रूरी मुद्दों पर अधिक ध्यान ना देकर कभी सेना तो कभी हिन्दू-मुस्लिम के मामले पर राजनीति की गई। चुनावी अभियानोंं में साम्प्रदायिक्ता का भयानक रूप देखने को मिला। यह पहला चुनाव होगा जिसमें किसी प्रत्याशी ने महात्मा गाँधी के बजाय उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के पुजारी होने का ऐलान किया हो।

मालेगाँव ब्लास्ट की आरोपी को टिकट देना आश्चय की बात

इस चुनाव में मालेगाँव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी पज्ञा ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट देना एक बड़ी अनुकूल बात थी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारत की काफी आलोचना हुई। इंटरनेशनल चैनल ‘अलजज़ीरा’ के एंकर मेहदी हसन ने भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली से एक शो में इस पर तीखे सवाल भी दागे।

साध्वी प्रज्ञा। फोटो साभार: Twitter

साध्वी के चुनावी राजनीति में आने के बाद से उनके द्वारा भड़काऊ बयान देने का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसमें वक्त के साथ औऱ तेज़ी आई। उन्होंने आते ही 26/11 हमले में शहीद होने वाले आईपीएस अफसर हेमन्त करकरे का अपमान करते हुए कहा कि मैंने उसे अभिषाप दिया था, इसलिए वह मारा गया।

उनके यह बयान भी सामने आए कि उन्होंने बाबरी मस्जिद पर चढ़कर उसे तोड़ा था और इसपर उन्हें गर्व है। उन्होंने यह भी कहा कि वह गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को मानती हैं।

राम मंदिर पर उनके बयान के बाद 2 मई को चुनाव आयोग ने 72 घंटे तक के लिए उनके अभियान करने पर रोक लगा दी फिर भी उन्होंने अपना अभियान जारी रख चुनाव आयोग के आदेश का उलंघन किया।

इन सब बयानों पर प्रधानमंत्री भी पहले चुप थे फिर न्यूज़ 24 चैनल के एक इंटरव्यू में साध्वी के ‘गोडसे वाले बायान’ के बारे में सवाल पूछे जाने पर आखिर उन्होंने कहा, “मैं उनको कभी दिल से माफ नहीं करूंगा।”

विद्यासागर की मूर्ति तोड़ना बेहद शर्मनाक

पश्चिम बंगाल में अमित शाह की रैली के दिन हुए झड़पों के बीच पूर्व समाज सुधारक विद्या सागर की मूर्ति गिरा दी गई। मूर्ति गिराने वाले का तो पता नहीं लगा लेकिन भाजपा और टीएमसी ने एक दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए।

इन आरोप प्रत्यारोप की राजनीति से इतर अगर सोशल माडिया पर आने वाले वीडियोज़ की बात करें तो साफ पता चलाता है कि भापजा कार्यकर्ताओं ने पहले से ही हंगामा करने की तौयारी कर रखी थी।

इस घटना से एक दिन पहले व्हाट्सएप ग्रुप ‘फाटाफाटी’ के एडमिन ने वीडियो पोस्ट किया था, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसमें एडमिन यह कह रहा है कि सबको ‘झमेला’ करने के लिए अमित शाह जी के रोड शो में आना है।

खैर, मैं अंत में यही कहना चाहूंगा कि विद्या सागर की मूर्ति तोड़ना भारत के लिए एक काला दिन था। वह यहां के लोगों के दिलो-दिमाग में बसते हैं। अनेक लोग उन्हें आइडियल व्यक्ति मानते हैं और उनके जीवन से सीख लेते हैं।

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