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“मोदी जी, आदिवासी महिलाओं के लिए आप सिर्फ एक काल्पनिक हीरो हैं”

आदिवासी महिलाएं

आदिवासी महिलाएं

माननीय मोदी जी,

एक बार फिर बहुमत के साथ सरकार बनने पर आपको बहुत बधाई। आपकी लोकप्रियता लार्जर दैन लाइफ वाली हो गई है। यानि एक देश में एक बड़ा वर्ग खासकर युवाओं के साथ-साथ सुदूर गाँवों की महिलाएं भी शामिल हैं। यह वर्ग आपको इंसान नहीं समझकर एक काल्पनिक हीरो की तरह मानता है।

आपकी प्रचंड जीत के एक दिन बाद मैं आदिवासी महिलाओं की एक समूह के बीच था। मैंने उनसे पूछा, “कल क्या खास हुआ?” थोड़ा समय लेने के बाद उन्हें याद आया और लगभग एक स्वर में बोलीं, “मोदी जीत गया।” मैंने पूछा मोदी कहां रहते हैं और कौन हैं? आप को आश्चर्य होगा कि उनमें से किसी को इन दोनों सवालों के जवाब पता नहीं थे।

मैंने उनसे यह भी पूछा कि मोदी जीत गए तो अब क्या होगा? उनके जवाबों में कुछ भी ऐसा नही था जो किसी उम्मीद का संकेत देता हो। उन्हें आपसे कोई उम्मीद नहीं है। हां मोदी जी, उन्हें आपसे कोई उम्मीद नही है लेकिन आपके जीत जाने से वे खुश हैं।

यह पूछे जाने पर कि मोदी जी किसका चुनाव जीते हैं, एक महिला का जवाब बेहद रोचक था, “पूरे संसार का चुनाव था।” महिलाओं के उस ग्रुप में आपकी छवि नि:संदेह बहुत सकारात्मक और दैवीय थी मगर फिर से कह रहा हूं उन्हें आपसे कोई उम्मीद नहीं है। उन्हें नहीं लगता कि उनकी ज़िंदगी और रोज़ के कामों में कोई फर्क आएगा। बस आप जीत गए हैं इसी से वे खुश हैं। मोदी जी, आपके लिए क्या यह एक आदर्श स्थिति है कि देश की जनता का एक बड़ा तबका आप से कोई उम्मीद ही ना रखे?

फोटो साभार: Getty Images

देश के युवाओं को आपसे कोई उम्मीद नहीं है। वे आपसे ऐसा कुछ चाहते ही नहीं जिनसे उनकी ज़िन्दगी आसान हो। रोज़गार मिले हैं लेकिन आपके भाषणों में जब राष्ट्रवाद और बालाकोट जैसे मसलों का ज़िक्र होता है तो वे खुश होते हैं। उन्हें यही सब अच्छा लगता है। उनके बीच आपकी छवि थोड़ी-थोड़ी वीर रस के एक कवि जैसी है, जो अपनी बातों से नसों में खून के बहाव को बढ़ा देता है लेकिन कवि सम्मेलन की वैल्यू एक मनोरंजन कार्यक्रम से ज़्यादा की नहीं होती है, यह तो आप भी जानते हैं मोदी जी।

मेरे हिसाब से आपके लिए अगले पांच सालों की बड़ी चुनोती यही है कि आप देश की जनता को एक काल्पनिक मोदी की अवधारणा से बाहर निकाले। आज आपकी लोकप्रियता फिल्मी सी लग रही है। यह बहुमत भी उसका प्रमाण है। किसी अभिनेता के लिए यह आदर्श स्थिति है लेकिन एक नेता के लिए कतई नहीं।

जनता में आपकी उम्मीद जगाना ज़रूरी है कि आपके आने से उनके जीवन मे क्या बदलेगा और क्या बेहतर होगा? आज 20 साल के जिन युवाओं ने आपको वोट दिया है, इस कार्यकाल के अंत तक उनके करियर की शुरुआत होने वाली है।

उस वक्त वे आपसे उम्मीद रखेंगे कि आप उनके लिए अवसर खड़े करें लेकिन यह काम आपको उससे पहले ही करना होगा क्योंकि हो सकता है आप 2024 में भी इसी सफलता को दोहरा जाए लेकिन आपके देश की जनता अगर आपसे उम्मीदें लगाना ही छोड़ दे और केवल आपसे नि:स्वार्थ प्रेम करती रहे तो यह देश के लिए ठीक नही होगा।

प्रधानमंत्री जी, देश के लोगों मे उनके जीवन से जुड़ी उम्मीदें जगाइए। शुभकामनाएं।

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