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“राहुल, आप इस्तीफा ना देकर एक बेहतर विपक्ष की भूमिका निभाइए”

राहुल गाँधी

राहुल गाँधी

स्वतंत्र भारत पर सबसे अधिक समय तक राज करने वाली काँग्रेस पार्टी को हिंदुस्तान की जनता ने विपक्ष की भूमिका निभाने का आदेश दिया है, जिसको राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सहर्ष स्वीकार करके एक उत्कृष्ट राजनीति को परिभाषित किया है।

पार्टी की हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए राहुल गाँधी द्वारा किए गए इस्तीफे की पेशकश नैतिकता के आधार पर उचित है लेकिन सिर्फ हार बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण यदि ऐसा किया जा रहा है तो निश्चित ही यह अनुचित और विचारणीय है। हार और जीत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। किसी भी व्यक्ति द्वारा किया गया जीत का घमंड और हार की निराशा उसको अंत की ओर अग्रसर करती है।

इसलिए यदि लोकसभा चुनाव में जनता द्वारा राहुल गाँधी को विपक्ष में सुशोभित करने के फैसले से वह थोड़े भी निराश हैं तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्हें निराशा त्याग कर एक अच्छे विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करना चाहिए क्योंकि एक सुसज्जित विपक्ष के बिना कोई भी राजा मदमस्त हाथी की तरह हो जाता है। विपक्ष के रूप में भी राहुल गाँधी का देश निर्माण में अहम योगदान रहेगा।

राहुल गाँधी। फोटो साभार: Getty Images

देश के किसी भी चुनाव में मिलने वाली हार की समीक्षा पार्टी द्वारा निश्चित रूप से की जाती है। निश्चित तौर पर यह समीक्षा काँग्रेस द्वारा भी की जाएगी। वर्तमान समय में एक आम नागरिक होने के नाते मैं काँग्रेस को कुछ विशेष बातों से अवगत कराना चाहता हूं। अब पार्टी को स्वतंत्र भारत के समय से चले आ रहे मुद्दों को पूरी तरह त्याग कर देश की वर्तमान स्थिति के अनुरूप मुद्दों का चयन करना होगा।

इस चुनाव में काँग्रेस को एक बात निश्चित तौर पर समझ आ गई होगी कि देश की जनता ने राष्ट्रवाद के लिए जातिवाद, विकास और महंगाई जैसे मुख्य मुद्दों से भी स्वयं को आज़ाद कर लिया। इसलिए अब राहुल गाँधी की काँग्रेस का कर्तव्य है कि वह राष्ट्रवाद के मुद्दे की ओर अपनी राजनीति को अग्रसर करने का कार्य करें।

जनता ने सामन्तशाही और राजाशाही को भी इस लोकसभा चुनाव में ध्वस्त कर दिया क्योंकि अब जनता को महलों में बैठे राजा नहीं, बल्कि उनके बीच में रहने वाले जनसेवक चाहिए। इस पर भी काँग्रेस को विचार करना होगा।

अंत में मैं बस यही कहना चाहता हूं कि भारत की लगभग आधी आबादी आज भी काँग्रेस पार्टी पर भरोसा करती है। इसलिए यह आवश्यक है कि राहुल गाँधी महलों और राज घरानों में रहने वाले राजनेताओं की बात ना सुनकर ज़मीनी स्तर पर अपना सर्वत्र प्रदान करने वाले कार्यकर्ताओं की बात पर ध्यान दे। इन्हीं सब बातों के साथ एक बार फिर काँग्रेस पार्टी को मज़बूत विपक्ष का निर्वहन करने हेतु शुभकामनाएं एवं बधाई।

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