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रिश्तेदारों के तानों और करियर की टेंशन में उलझा स्टूडेंट लाइफ

मेरे जीवन में इस विद्यार्थी शब्द की शुरुआत मेरे होश संभालने के साथ प्रारंभ हो गई थी। मैं जहां भी जाता था, लोग पूछने लगते कि किस स्कूल के विद्यार्थी हो?

मैं अक्सर यह सोचता कि स्कूल तो मुझे पता है पर यह विद्यार्थी क्या है? मैं अक्सर यह सोचता कि क्या वे सब जो स्कूल ड्रेस पहनते हैं, वे विद्यार्थी होते हैं?

फोटो प्रतीकात्मक है। सोर्स- Getty

मैं जब भी अपने पिता जी से यह बात पूछता कि विद्यार्थी कौन होते हैं तो मेरे पिता जी एक बात बोलते

काक चेष्टा वको ध्यानम्,
श्वान निद्रा तथैव च,
अल्पहारी, गृह त्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणम

यह एक ऐसा वक्त था जब यह बात मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आई और ना तो मैंने उस समय इस बात को समझने की कोशिश की। वह वक्त था मेरे सवाल करने का और आज का वक्त है इस बात का जवाब देने का।

जैसे-जैसे मेरे हाथ पैर बड़े होने लगे मुझे कहीं ना कहीं इस बात का बोध हो चुका था कि इस संस्कृत श्लोक का मतलब क्या है। खैर, दिन गुज़रने के साथ-साथ मेरी किताबें मोटी होती चली गईं और गणित मुश्किल होने लगा। कहीं ना कहीं ये चीज़े मुझे किस दिशा में लेकर जा रही थी मुझे इसका अंदाज़ा भली-भांति हो चुका था। मुझे अंदाज़ा हो चुका था कि आगे अब ज़िन्दगी और पढ़ाई दोनों मुश्किल और कठिन होने वाली है।

वक्त वक्त की बात है। एक वक्त था जब मैं अपनी दीदी और पिता जी के भय से पढ़ाई करता था और एक आज का वक्त है, जहां मुझे भय है कि मैं पढूंगा नहीं तो करूंगा क्या?

रिश्तेदारों के सवाल

सच कहूं तो यह जो आसान दिखने वाला विद्यार्थी जीवन है ना बहुत ही रोचक है। रिश्तेदारों को यह लगता है कि पढ़ाई करना बहुत आसान है और उससे भी आसान सरकारी नौकरी लेना। चीज़ें जो आपके अनुकूल नहीं वो यह कि आप उस परिवेश में हैं, जहां के लोग सबकुछ जानते हुए और समझते हुए भी कुछ समझना और सुनना नहीं चाहते, जिससे आपका विद्यार्थी जीवन आहत होता है।

अब आगे बात करें तो हर एक विद्यार्थी के जीवन में एक ऐसा समय भी आता है, जब आप अपने रिश्तेदारों और नए लोगों से मिलना नहीं चाहते हैं, वह इसलिए नहीं कि आप बिज़ी हैं, बल्कि इसलिए कि आप नहीं चाहते कि वो आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाएं। आप जानते हैं कि वो समझ नहीं पाएंगे कि आप किस दौर से गुज़र रहे हैं और आप खुद से कितनी लड़ाई कर रहे हैं।

नौकरी का मसला और एक विद्यार्थी का जीवन

फोटो प्रतीकात्मक है। सोर्स- Getty

ज़िन्दगी तब और भी कठिन हो जाती है जब आपके फूफा के लड़के की कहीं सरकारी नौकरी हो जाती है और इस खबर के बाद जब सारी नज़रें आपको घूरने लगती हैं। वो ऐसा समय होता है जब आप अपनी दिल की बातों को अपने घरवालों को भी नहीं समझा पाते। वक्त गुज़रने के साथ आपके परिवार वाले भी आपको शक की नज़रों से देखने लगते हैं कि क्या यह कभी कुछ कर पाएगा? क्या मेरा बेटा भी कभी अच्छी नौकरी ले पाएगा?

मेरी पढ़ाई अभी भी जारी है, मैं भी आपकी तरह एक अच्छी नौकरी के तलाश में हूं। मैं आज इतना पढ़ता हूं कि मुझे अब किताबों को छोड़कर कहीं जाने का मन नहीं करता है। मेरी और मेरे परिवार की भी मेरे से कुछ आशाएं हैं, ठीक उसी तरह जिस तरह आपके परिवार वालों की है आपसे होंगी।

इस लेख को मैंने अपनी कहानी से जोड़ा है, क्योंकि मुझे पता है कि यह कहानी सिर्फ और सिर्फ मेरी नहीं है, उन सबकी है जो आज विद्यार्थी हैं और बचपन से पढ़ाई के साथ ईमानदारी दिखाते आए हैं। कुछ बनने और करने के लिए मेहनत के साथ पढ़ाई कर रहे हैं।

जाते जाते एक लाइन

ये रास्ता दर्द देगा और हो सकता है कि तोड़कर भी रख दे
लेकिन आखिर में जो मिलेगा वो है खुद पर गर्व और सम्मान

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