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इन घटनाओं पर मीडिया का निराशाजनक रवैया रहा है

मीडिया की भूमिका

मीडिया की भूमिका

“भारत के चंद पत्रकरों पर मेरा अपना विश्लेषण और मेरे अपने विचार हैं। मानना है तो वे माने नहीं तो आपके विचार भी ज़िंदाबाद।”

इस अल्फाज़ को एनडीटीवी के एक बड़े संपादक ने उन पत्रकरों के नाम समर्पित किया था जो उनके विचार में सरकार की चाटुकारिता करते हैं। हालांकि इनमें से कुछ पत्रकार ऐसे भी हैं, जिन्हें आप गोदी मीडिया कहते हैं।

सरकार विरोधी मीडिया को लोग डिज़ाइनर पत्रकार या लुटियंस पत्रकार के नाम से जानते हैं। हालांकि लुटियंस जॉर्नलिस्ट ने भी ईमानदार पत्रकारिता को बहुत नुकसान पहुंचाया है मगर गोदी मीडिया इस मामले में कई कदम आगे निकल गाया है और ऐसे कुछ उदाहरण मैं सबके सामने पेश करना चाहूंगा।

यह ऐसे उदाहरण हैं जो जो बताते हैं कि मीडिया अपनी ज़िम्मेदारियों का सही तरीके से पालन नहीं कर रहा है। कई सरकार के दबाव में काम कर रहा है तो किसी को सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग करने पर निशाना बनाया जा रहा है।

ऐसे में यह बेहद ज़रूरी है कि बदलते वक्त के साथ मीडिया की कार्यशैली में ना सिर्फ बदलाव आए बल्कि राजनेताओं के दबाव में भी इन्हें काम ना करना पड़े। इसके लिए हमें और आपको भी अपनी आंखें खुली रखनी पड़ेगी।

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