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पीरियड्स पर खुलकर चर्चा कर रही हैं छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले की महिलाएं

सरजुआ गाँव की महिलाएं

सरजुआ गाँव की महिलाएं

महिलाओं का सशक्तिकरण सिर्फ आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी होना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए सामाजिक संस्था सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा सरगुजा ज़िले में विशेष कार्य किया जा रहा है, जिसमें महिलाओं को जागरूक करने के लिए ‘प्रोजेक्ट इज्ज़त’ कार्यक्रम द्वारा स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां दी जा रही हैं।

प्रत्येक ग्राम में प्रोजेक्ट इज्ज़त द्वारा महिला समूहों का चयन कर ग्रामीण अंचलों तक सैनिटरी पैड पहुंचाने का काम किया जा रहा है, जिससे ज़िले में बेहतर ढंग से कार्य किया जा सके।

अब तक 60 से भी अधिक पंचायतों के लगभग 120 गाँवों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर महिलाओं तथा किशोरी बालिकाओं को जागरूक करने के साथ-साथ सैनिटरी पैड का निःशुल्क वितरण भी किया जा रहा है, जिससे इस दिशा में सार्थक पहल हो सके।

छत्तीसगढ़ में पीरियड्स पर हो रही बात

छत्तीसगढ़ में किसी संस्था द्वारा यह पहली बार किया जा रहा है। इसके माध्यम से महिलाओं एवं लड़कियों को पीरियड्स के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जैसे- पीरियड्स के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना, साफ पैड एवं कपड़े इस्तेमाल करना तथा मासिक को लेकर समाज में फैली रूढ़िगत विचारधाराओं को समाप्त करने को लेकर भी पहल हो रही है।

फोटो साभार: फेसबुक

महिलाएं साथ बैठकर पीरियड्स जैसे मुद्दे पर खुलकर चर्चा कर रही हैं। इस कार्यक्रम में बैनर एवं पोस्टर के ज़रिये मासिक के दौरान संक्रमण से होने वाली बीमारियों की जानकारी सहित पोषण युक्त भोजन के लिए क्या आहार लें, इसकी पूरी जानकारी सरगुजा साइंस ग्रुप के कार्यकर्ता महिलाओं को उपलब्ध करा रहे हैं। इन गाँवों में दोबारा संपर्क कर फीडबैक भी लिया जा रहा है कि इन कार्यक्रमों के ज़रिये महिलाएं एवं लड़कियां कितनी जागरूक हुई हैं।

महिलाओं को दी जा रही स्वच्छता से जुड़ी जानकारी

सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के ज़रिये महिलाओं से वे तमाम सवाल पूछे गए जिनके बारे में आमतौर पर इस समाज में चर्चा नहीं किया जाता है। इस संदर्भ में पीरियड्स के दौरान वे कपडे का प्रयोग करती हैं या पैड का, स्वच्छता के बारे में उनकी क्या सोच है, कपड़े या पैड को प्रयोग करने के बाद फेंक देती हैं या जला देती हैं जैसे तमाम सवाल पूछे गए।

ऐसे सवालों पर खासकर ग्रामीण अंचलों में तो एकदम ही बातचीत नहीं होती है मगर आज इस संस्था के ज़रिये ना सिर्फ व्यापक स्तर पर चर्चा हुई बलकि तमाम स्टीरियोटाइप्स भी तोड़े गए।

गाँव की गलियों तक पहुंचाई जा रही जानकारियां

सरगुजा साइंस ग्रुप के सदस्य गाँव की गलियों और मोहल्लों में इन सभी विषयों पर जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में लुण्ड्रा एवं बतौली ब्लाक में सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

अध्यक्ष अंचल ओझा के दिशा-निर्देश में इज्ज़त कार्यक्रम की संयोजक पवित्रा प्रधान के नेतृत्व में मुनिता सिंह, सैदुकुन निशा, राशि सिंह, नुकसार बेगम, अमित दुबे, लक्ष्मी सहित ग्रुप के अन्य सदस्य कार्य कर रहे हैं।

छात्राओं को नि:शुल्क सैनिटरी नैपकिन

सरगुजा साइंस ग्रुप सरगुजा, बलरामपुर एवं सूरजपुर ज़िले के स्कूलों में लगभग 8000 छात्राओं को प्रत्येक महीने निःशुल्क सैनिटरी पैड उपलब्ध कराती है। वहीं, दूसरी ओर संस्था द्वारा काॅलेजों में सैनिटरी पैड वेंडिंग एवं डिस्पोजल मशीन भी लगाए जा रहे हैं, जिसे सर्वप्रथम राजीव गाँधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लगाया जा चुका है और मेडिकल काॅलेज में हाॅस्टल में सप्ताह भर में इसे लगा दिया जाएगा।

सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा जागरूकता कार्यक्रम

वर्तमान में ग्राम करेसर, कुदर, लुण्ड्रा, नावाडिह, सिलमा, सुआरपारा, जामडिह, कुनकुरी, छेरमुण्डा, तेलईधार, डहोली, करौली, जरहाडीह, दुंदु, बिशुनपुर, ससौली, बुलगा, चीरगा, उदारी, बटवाही, महेशपुर, पड़ौली, बीजापारा, खाराकोना, खरकोना, मंगारी, सेदम, बरगीडीह, डांड़गांव, नागम और खालपोड़ी सहित विभिन्न ग्रामों में सरगुजा साइंस ग्रुप की टीम जागरूकता कार्यक्रम चला रही है।

फोटो साभार: Twitter

सरगुजा साइंस ग्रुप के अध्यक्ष अंचल ओझा बताते हैं, “2014 में जागृति यात्रा के दौरान वह दिल्ली में स्थित गूंज संस्था गए, जहां के कार्यक्रम को देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्हें ऐसा लगा कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसा कार्यक्रम होना चाहिए। वहां के ग्रामीण अंचलों में भी जागरूकता की कमी है। तभी से जनवरी 2014 में उन्होंने मासिक पर कार्य करना शुरू किया।

फंड की कमी से काम रूक रहा

सर्वप्रथम कपड़े से निर्मित पैड से शुरू यह अभियान अब 2019 पहुंचते-पहुंचते सैनिटरी पैड तक पहुंच चुका है। अंचल ओझा बताते हैं कि लगातार स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं इस अभियान से जुड़ रही हैं। हर कोई इसे अपने विद्यालय में शुरू करने के पक्ष में है‌ किंतु हमारे पास फंड कम है।

वर्तमान में 8000 से अधिक स्कूली छात्राओं को प्रत्येक महीने निःशुल्क सैनिटरी पैड उपलब्ध कराया जा रहा है और सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन तथा डिस्पोजल भी स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि शहरी क्षेत्रों के स्कूल और काॅलेजों में आसानी से पैड उपलब्ध कराया जा सके। सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा वर्तमान में प्रोजेक्ट इज्ज़त के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

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