अलीगढ़ में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ उसको ले कर मन व्यथित है, हिम्मत नही हो रही थी कि इस विषय में कुछ कह सके। घटना वस्तु स्थिति के बारे में सोच कर रूह कांप जा रहा हैं। सूचना तंत्र के अनुसार वर्तमान समय मे उक्त घटना में संलिप्त सभी अपराधी गिरफ्तार किये जा चुके हैं।इस घटना के बाद भी उत्तरप्रदेश में कुछ और मर्माहत करने वाली घटनाये घटी हैं जो समाज और शासन दोनों के लिये शर्मनाक है।मैं केंद्र सरकार में बैठे प्रधानमंत्री जी से राज्य सरकार के मुख्यमंत्री जी से हाथ जोड़ कर विनती कर रहा हूँ कि इन अपराधियों को जितनी क्रूर सजा दी जा सके उतनी क्रूर सजा दे कर इन्हें मृत्यु दंड देने का अविलम्ब प्रावधान बनाया जाय। मेरे देश के जिम्मेदार नागरिक जन! जब समाज मे कोई जघन्य अपराध करता हैं तब पूरा समाज आक्रोशित होता है और होना भी चाहिये इससे शासन प्रसाशन प्रभावित हो कर त्वरित कार्यवाही करता हैं। मामले की शीघ्र सुनवायी होती है पर हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि एक दो लोगो के अपराध की सजा, हमारे आक्रोश की वजह से अपराधी के जाति धर्म से सम्बंधित बेगुनाह लोगो को नही मिलनी चाहिये।अपराध को धर्म सम्प्रदाय के रंग में न रंगा जाय इसी में इस देश की और हम देशवासियों की भलाई हैं,जाति धर्मगत आक्रोश से किसी का भला नही होगा ये बदले की आग चाहे गांव की पटिदारी में लगे या दो धर्म के मानने वालों के बीच लगे स्वाहा दोनो होंगे। लपटे असीमित काल तक आने वाली पीढ़ी को झुलसाती रहेंगी।आखिर कब तक हम लोगो के बहकावे में आकर आपसी प्रेम भाव सामाजिक समरसता को ख़त्म करते रहेंगे मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूँ राजनेता अपने लालची स्वभाव के कारण ऐसी घटनाओ का सहारा लेकर जाति धर्म और हमारी आस्था को आधार बना कर हमें भावनात्मक रूप से भड़कते रहेंगे हमें इनकी चाल समझना होगा इनसे बच कर रहना होगा हमारे देश के तमाम नेताओं में आज कोई भी कोई शांति दूत नहीं हैं ,धर्म आध्यात्म का लबादा ओढ़े सब के सब केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे है।देश की सत्ता देश की राजनीति भारतवर्ष की आत्मा को नष्ट कर रही है इनसे उम्मीद भी नहीं की जा सकती की भारत की सर्व धर्म समन्वय की विशेषता को ये पुनः स्थापित कर सकेगे।इस दिशा में हम देशवासियों को पहल करना होगा अपने भीतर के सकुंचित स्वार्थ से ऊपर उठ कर संवेदना, सामाजिक – संस्कृतिक समरसता को कायम करना होगा तभी यह देश आने वाली पीढ़ी को जीने लायक प्राप्त हो सकेगा। स्वामी राम शंकर (डिजिटल बाबा )