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“इंटरव्यू में मेरी काबिलियत से ज़्यादा, मेरी शादीशुदा ज़िन्दगी के सवाल पूछे जाते हैं”

इंटरव्यू लेने वाला,

ये सारे सवाल ज़रूरी हैं लेकिन पूछे जाते हैं केवल महिलाओं से। देश या दुनिया की महिलाओं से ये सवाल किए जाते हैं और आगे भी किए जाते रहेंगे। आपने सिंदूर नहीं लगाया तो आप शादीशुदा नहीं हैं। आपको हर तरीके से शादीशुदा लगना होता है। उसके लिए आप सिंदूर, मंगलसूत्र, पांव में पायल और हर तरीके का साजो श्रृंगार करें और अगर आप ऐसा नहीं करती हैं, तो समाज को आप शादीशुदा नहीं लगेंगी।

पिछले 8 महीनों में यह शायद 3-4 बार है, जब ये सवाल मुझसे पूछे गए हैं। मेरे पति से कभी ये सब नहीं पूछा गया होगा, क्योंकि उन्हें जीवन की चीज़ें मुझसे पूछकर मैनेज नहीं करनी होती हैं। शादी से पहले जब अपने घर पर थी, तो सवाल आते थे,

घरवाले मानेंगे ना, फलाना जॉब के लिए?

अब जब शादी हो गई है, तब वापस से ऐसे ही सवाल। आप शादी करते हैं, तो उस इंसान के साथ अपनी ज़िन्दगी बिताने के लिए लेकिन एक महिला के लिए शादी बहुत कुछ लाती है। लोगों की बातें और तमाम वे लोग जो आपको बताते हैं कि आप ऐसा करें या आप वैसा करें। आप यह ठीक नहीं कर रही हैं या आप वह ठीक नहीं कर रही हैं।

जब शादी के 1 हफ्ते पहले इंटरव्यू दिया तो इंटरव्यू लेने वाले ने बोला,

हम आपको कैसे सेलेक्ट करें, आप तो शादी कर रही हैं, फिर उसके बाद आप काम कैसे करेंगी?

पिछले 8 महीनों में कई बार इंटरव्यू और उसमें रिजेक्शन के आलावा खुद भी कोशिश नहीं कर पाई हूं, क्योंकि हर वक्त लगता था कि बाहर जाऊंगी तो घर का काम कैसे होगा? सब बीच में ही पड़ा रहता था और जैसे ही घर आओ आपके ऊपर खाने से लेकर कई तरह के घरेलू टेंशन होते हैं।

वर्किंग वुमन को ग्लोरीफाई करना लोग बंद क्यों नहीं कर देते हैं?

अरे, सब एक साथ सारा काम नहीं कर सकते हैं। हर औरत का शरीर दो काम के लिए नहीं बना होता है। मेरे पति मेरी मदद करे तो मुझे यह बोलकर चिढ़ाया जाता है कि उसका शोषण हो रहा है। अब मैं थक गई हूं, क्योंकि सवाल और ज़िम्मेदारी लेने की हालत में नहीं हूं। परेशान हूं, चिंतित हूं, आप घर संभालने वाली औरतों के काम की कीमत समझिए और जो बाहर जाती हैं, उनके काम को बांटना शुरू करिए।

वर्किंग वुमन को ग्लोरिफाई करना बंद करिए। हर औरत का काम अलग है और उसमें क्षमता भी अलग होती है। अगर मैं दो लोगों का खाना बनाकर थक रही हूं, तो इसका मतलब मैं वाकई थक रही हूं। इसमें मज़ाक या तराजू में डालकर आप मुझे तौलने की स्थिति में मत डालिए। शादीशुदा होने के बावजूद मैं काम करने की क्षमता रखती हूं, मेहनती भी हूं, अपनी मेहनत की सैलरी और सम्मान कमाने की हकदार भी हूं। आपकी मां कबसे आपके किचन को संभाले हुई हैं, जाएं और उनका हाथ बटाएं। लड़कों को ही बोल रही हूं, क्योंकि उन्हें ही रसोई घर से दूर रखा जाता है।

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