व्यवस्था इतनी निष्क्रिय कैसे हो सकती है? आखिर कैसे? जब सर्जिकल स्ट्राइक की बात होती है, तो वही सरकार रातों-रात प्लानिंग कर लेती है, उतार देती है सेना मैदान में और वाह-वाही लूट लेती है। चंद्रमा में जाने के लिए दूसरे ग्रह में जीवन खोजने के लिए सारी तकनीकें उपलब्ध हैं हमारे पास, बड़े-बड़े IIT और मेडिकल कॉलेज बनवा दिए गए हैं लेकिन इन IIT और मेडिकल कॉलेज का क्या करें हम?
आग लगा दीजिए ऐसी मेडिकल व्यवस्था को, उस निष्क्रिय मेडिकल व्यवस्था को आग लगा दीजिए, जिसकी निष्क्रियता ने 200 से ज़्यादा बच्चों को मार दिया? विज्ञान का बखान आज एक ढोंग लग रहा है। यह कैसा विज्ञान है, जिसकी बदौलत आपने दुश्मनों को मारने के लिए परमाणु बम तैयार करके रखा है पर एक बुखार से लड़ने के लिए आपके पास कोई उपाय नहीं है। यह कैसे हो सकता है?
हर साल बिहार को इस पीड़ा से लड़ना पड़ता है और वह हर साल हारता रहा है।
- क्या इस दुश्मन को हराने का तुम्हारे पास कोई उपाय नहीं है? जब तुम दुश्मनों को मारने के लिए सेना खड़ा कर सकते हो, फिर इस दुश्मन को मारने के लिए तुम्हारी सारी तकनीकें निष्क्रिय कैसे हो गई हैं?
- जब हर साल इतने बच्चे मरते हैं गर्मी में, तो क्यों तुमने पहले से तैयारी नहीं की?
- क्यों तुरंत इन बच्चों को देश के बड़े अस्पतालों में रेफर नहीं किया गया?
- क्यों उन बड़े अस्पतालों से डॉक्टरों को नहीं बुलवाया गया?
- क्यों दवाई ना होने पर तुरंत दवाई की व्यवस्था की गई?
क्या मैं यही समझूं कि यह जो तुमने सारी व्यवस्था की है, बड़े- बड़े मेडिकल कॉलेज यह सब दिखाने भर के हैं? क्या मैं इन सबको हाथी के दांत मान लूं? विकास के बड़े-बड़े वादों के लालच में तुमने क्या मौत के विकास की योजना बनाई थी? यही योजना ही बनाई थी तुमने तभी तुम सब हाथ-में-हाथ धरकर बैठे हो और तमाशा देख रहे हो।
- कहीं यह बात तो नहीं कि ये जिनके बच्चे हैं, उनके वोट से तुम्हारी वोट बैंक की आपूर्ति नहीं होती है?
- कहीं यह तो नहीं कि इनके देश में रहने या ना रहने से सत्ता को कोई बड़ा लाभ नहीं होता है?
- कहीं ऐसा तो नहीं कि इनके 100 से ज़्यादा बच्चे भी मर जाएंगे और तुम इनको चुप करवा दोगे, क्योंकि इनके पास तुमसे लड़ने की उतनी शक्ति नहीं है।
- या तुम यह सोचते हो कि तुम इसको हरा दोगे या मुंह बंद करवा दोगे।