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Feminism (hindi)

मैंने बहुत सारे ऐसे लोगों से feminism(महिलाओ को समान अधिकार,समान अवसर व उनको जीवन मे सब कुछ स्वयं से चुनने की आज़ादी) मेरे हिसाब से काफी है बातें feminism को describe करने के लिए । इस विषय पर जिस भी थोड़े बहुत लोगों से मैंने बात की वो बहुत inspiring थी लेकिन धरातल पर बहुत कम दिखी । 1)Mr शर्मा अंकल अपनी बेटी को तो विदेश भेजना चाहते है लेकिन उन्होंने आज तक mrs शर्मा आंटी को घर से बाहर तक निकलने नही दिया निकली होंगी तो शायद कभी अंकल के साथ ही देखा था । 2) मेरे घर में एक किरायेदार रहते थे उनको भी अपनी बेटी को आर्मी में भेजना है लेकिन अपनी पत्नी को ट्रैनिंग व डिग्री होने के बाद भी teaching नही करने दी । 3)एक सज्जन तो ऐसे थे नाम नही लेना चाहिए जो मुझसे हमेशा कहते थे बिटिया आगे बढ़ो और हर रात उनके घर से आंटी के चिल्लाने की आवाजें आती थी शायद इसलिए क्योंकि उनकी रोटी हमेशा ज्यादा heavy हो जाया करती थी,पूछने पर आंटी ने मुझे reason यही बताया । 4)कुछ लोग तो इतने महान है कि वो चाहते है उनकी बेटियां और बहनें जीवन में आगे बढे लेकिन आजतक किराने वाले की दुकान तक नही भेजते है so reducles persons…. इस विषय पर आस पास वालों की ये सोच देखकर अपनी डायरी से ये विषय हटाने का मन करता क्योंकि लोग इस विषय पर फक्र तो करते है लेकिन अमल नही करना चाहते सोचा office womens की रॉय लूँ लेकिन उनमे से कुछ पर तो तरस आता है क्योंकि घर जाकर सारा काम भी उनको ही करना होता अरे भाई वो घर के लिए नही अपने स्वाभिमान के लिए जो कमाती है औऱ उनके जीवन साथी उनको अपनी सी ऊँची जगह और salary increment पर आज भी insecure हो जाते है जबकि कहने को एक दूसरे के सात सूत्रों में बधे हुए साथी होंते है । ऐसी सोच है high class socities की सब नही पर है इस सोच का गहरा असर और तालुक इस विषय पर जिसको feminism कहते है ।

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