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कबीर सिंह: “प्रेम में अगर हिंसा हो तो वह प्रेम कैसे रहेगा भला?”

A still from 'Kabir Singh'

हाल ही में रिलीज़ हुई अभिनेता शाहिद कपूर की फिल्म ‘कबीर सिंह’ एक तरफ जहां बॉक्स ऑफिस पर बम्पर कमाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर फिल्म के मुख्य किरदार कबीर सिंह की तारीफ और आलोचना दोनों हो रही है।

कबीर सिंह का किरदार शाहिद कपूर ने निभाया है। कबीर सिंह एक प्रेमी है, जिसके प्रेम में प्रेम से ज़्यादा हिंसा है। वह लड़की की सहमती के बिना उसे चूमता है और उसे अपनी संपत्ति समझ लेता है। कबीर की नौकरानी से पानी का ग्लास गिर जाता है, तो उसे वह मारने दौड़ जाता है। माना जाता है कि प्रेम इंसान को विनयशील बनाता है लेकिन कबीर सिंह का प्रेम ‘अद्भुत’ है, हिंसा और सनक से भरा हुआ।

क्या फिल्म का नायक कबीर सिंह किसी और दुनिया का रहने वाला है?

फिल्म कबीर सिंह का एक दृश्य। फोटो सोर्स- Youtube

कबीर सिंह जैसे लोग हमारे आस-पास मौजूद नहीं हैं? इस सवाल का जवाब ना में नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि हमारे आस-पास इस तरह के प्रेमी/प्रेमिका मौजूद हैं, जिनके प्रेम में सनक दिखती है। प्रेमी/प्रेमिका उनके लिए संपत्ति की तरह होते हैं।

“तुम मेरी नहीं हो सकती तो किसी की नहीं हो सकती”, डायलॉग वैसे तो बहुत पुराना है लेकिन आज भी इसे मानने वाले हमारे समाज में रहते हैं। शायद ही कोई दिन हो जब अखबारों में इस तरह के सिरफिरे आशिकों से संबंधित खबरें पढ़ने को नहीं मिलती हो।

अपनी बात आगे बढ़ाने से पहले यहां एक बात मैं सपष्ट कर दूं कि कबीर सिंह सिर्फ लड़कों में ही नहीं होते हैं, कबीर सिंह की प्रवृति लड़कियों में भी देखने को मिलती है। प्रेम में पड़ते ही एक-दूसरे को जागीर समझने लगते हैं और जैसे ही किसी वजह से अलग होना पड़ता है, तो अंदर का कबीर सिंह जाग जाता है।

ऐसा नहीं है कि कबीर सिंह पहली फिल्म है, इससे पहले भी इस तरह के सिरफिरे आशिकों वाली कई फिल्में आ चुकी हैं। ऐसी ही एक फिल्म है, ‘जीत’, जिसमें सनी देओल और सलमान खान मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म में एक डायलॉग है, जो सनी देओल अभिनेत्री से कहते हैं,

काजल तुम सिर्फ मेरी हो, किसी और की नहीं हो सकती। तुम्हारे और मेरे बीच में कोई आया तो समझो वो मर गया।

दरअसल, इन फिल्मों की कहानियां आसमान से नहीं उतरी हैं। हर रोज़ ऐसी घटनाएं घटती हैं। 24 जून के दैनिक भास्कर अखबार की ही बात करें, तो उसमें कबीर सिंह की मानसिकता वाले प्रेमी/प्रेमिका से जुड़ी दो खबरें प्रकाशित हुई हैं।

ब्रेकअप से नाराज़ था युवक, नाबालिक को मारी गोली

यह पहली खबर राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के भोड़सी थाना क्षेत्र के श्याम कुंज कॉलोनी की है। खबर के अनुसार ब्रेकअप से नाराज़ युवक ने नाबालिक छात्रा को उसके घर में ही गोली मार दी। खैर, लड़की की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। घायल नाबालिक छात्रा के बयान पर केस दर्ज कर आरोपी की तलाश हो रही है।

शादी का रिश्ता तुड़वाने से नाराज़ था बॉयफ्रेंड, युवती की हत्या कर बैग में बॉडी रखकर झील में फेंक दी थी

यह दूसरी खबर फरीदाबाद की है, जिसमें एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड की दूसरी जगह शादी होने से नाराज़ थी। नाराज़ युवती ने लड़के की शादी में पहुंचकर अपने पूर्व में रहे रिश्ते का ज़िक्र कर दिया। इस वजह से लड़के की शादी टूट गई। इससे खफा लड़के ने युवती की हत्या करके शव को बैग में डालकर झील में फेंक दिया। लड़का पुलिस हिरासत में है।

ऐसी ही एक खबर पिछले दिनों दिल्ली से आई थी, जिसमें एक लड़की ने अपने प्रेमी द्वारा शादी से इनकार करने पर उसपर तेज़ाब डाल दिया। इसमें लड़के का पूरा पीठ और सीना जल गया था। पहले लड़की मामले को इधर-उधर घुमाती रही लेकिन बाद में इसका राज़ खुला। लड़की अभी जेल में है।

पूर्व में भी ऐसी कई खबरें आती रही हैं, जब लड़के का प्रेम प्रस्ताव ठुकराने की वजह से लड़कियों पर तेज़ाब फेंके गए। कई मामले लड़कियों द्वारा तेज़ाब फेंकने के भी आते रहे हैं। हालांकि इसकी संख्या कम है। प्रेम के क्षणों का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले प्रेमियों की भी खबरें आते रहती हैं।

हम अपने आस-पास प्रेमियों को देखते हैं, जो किसी और लड़के से बात करने की वजह से अपनी प्रेमिका को मारते हैं। लड़कियां भी चाहती हैं कि उसका प्रेमी किसी और लड़की से बात ना करे। अगर गलती से बात कर लिया, तो लड़के का जीना हराम कर देती हैं। मगर इसमें कोई शक नहीं कि अभी भी कबीर सिंह की प्रवृति लड़कों में ही ज़्यादा पाई जाती है।

जो लोग कबीर सिंह को हीरो बना रहे हैं, वे क्यों नहीं समझते कि कबीर जैसे प्रेमियों को हीरो बनाने की ज़रूरत नहीं है। प्रेम जुनून तो है पर इस जुनून में हिंसा की कोई जगह नहीं है। प्रेम में अगर हिंसा हो तो वह प्रेम कैसे रहेगा भला?

तो इसलिए कबीर सिंह जैसे लोग अगर आपके आस-पास दिखे तो उनसे दूरी बना लेना ही बेहतर है। इस मानसिकता के प्रेमी/प्रेमिका आपको दुख के अलावा कुछ नहीं दे सकते हैं। फिल्म समाज का आईना होती है, यह हम शुरू से ही पढ़ते आ रहे हैं। कबीर सिंह किरदार की आलोचना कीजिए लेकिन यकीन मानिए हमारे आस-पास बहुत सारे कबीर सिंह मौजूद हैं, उनसे दूरी रखिए।

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