भले ही क्रिकेट इंग्लैंड का राष्ट्रीय खेल हो लेकिन भारत में यह खेल किसी धर्म से कम नहीं है। शायद इसलिए भारत की तरफ से खेलने वाले खिलाडियों को भगवान तक का दर्ज़ा भी दिया जाता है। हर क्रिकेट प्रेमी सांसों को थाम कर इस खेल को दिलचस्पी के साथ फॉलो करते हैं।
क्रिकेट फैंस हर मैच में बन रहे रिकॉर्ड्स, हर खिलाडी के आकड़े और मैच के बाद हार और जीत पर हर पहलू का विश्लेषण बड़े ही बेबाकी के साथ करते हैं। शायद ऐसे फैंस की वजह से ही आज क्रिकेट भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में यहां तक पहुंच पाया है।
30 मई से क्रिकेट का महाकुम्भ विश्वकप शुरू हो चूका है और 10 टीमें पुरे जद्दोजहद के साथ ट्रॉफी को जीतने में लगी हुई हैं। भारत अपना पहला मैच 5 मई को साउथ अफ्रीका के साथ खेलेगी।
इस खेल में विजेता कौन होगा, इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता क्योकि खेल का रूख किसी भी पल किसी के पक्ष में बदल सकता है और अभी तक के मैच देखकर हम इस बात को समझ भी सकते हैं। वेस्टइंडीज ने जहां पाकिस्तान को एक तरफा मुकाबले में हरा दिया, वहीं ट्रॉफी के प्रबल दावेदार इंग्लैंड को हराकर पाकिस्तान ने शानदार वापसी की।
एक तरफ साउथ अफ्रीका जहां अपने दोनों मैच हार गई, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश ने साउथ अफ्रीका को हराकर बांकी सब टीमों को बता दिया कि उनको हल्के में नहीं लिया जा सकता। चलिए क्रिकेट के इसी मौसम में जानते हैं उन चार टीमों के बारे में टॉप चार में पहुचं सकते हैं।
भारत
ओपनिंग से लेकर फिनिशिंग टच तक भारत मज़बूत नज़र आ रहा है। कयास तो यही लगाए जा रहे हैं कि इंग्लैंड में भारतीय गेंदबाज़ कमाल की गेंदबाज़ी के ज़रिये विश्वपटल पर देश का नाम रौशन करेंगे। आपको बता दें कि भारत के जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव मज़बूत नज़र आ रहे हैं।
रोहित शर्मा, शिखर धवन और कोहली के साथ महेन्द्र सिंह धोनी का अनुभव भारत को बांकी टीमों से अलग बनाता है। हालांकि अगर टॉप 3 बल्लेबाज़ ज़्यादा मैच में फेल रहे तो भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज़ मैच जिताने में कामयाब हो पाएंगे या नहीं, इस सवाल का जवाब आने वाले मुकाबले में ही मिल पाएगा।
इंग्लैंड
अपने होम ग्राउंड पर खेलने का फायदा इंग्लैंड उठाने का प्रयास करेगी और इंग्लैंड टीम के हर सदस्यों को देखकर लगता है कि वे हर हाल में अपनी टीम के लिए मैच जीतना चाहते हैं। ऐसे में किसी एक खिलाडी पर निर्भर ना होना इंग्लैंड के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
ओपनिंग जोड़ी का आक्रामक अंदाज़, जो रूट का मैच को बढ़ाने का क्लासिक अंदाज़ और फिर बटलर का फिनिशिंग टच इंग्लैंड को बैलेंस करता है। गेंदबाज़ी थोड़ी कमज़ोर नज़र ज़रूर आ रही है लेकिन मोईन अली का अनुभव इंग्लैंड को टॉप 4 में पहुंचा सकता हैं।
पाकिस्तान
हालांकि कोई पाकिस्तान पर दाव लगाने को तैयार नहीं है लेकिन पाकिस्तान एक टीम के रूप में बैलेंस नज़र आती है। हर बल्लेबाज़ से लेकर गेंदबाज़ तक अपना उम्दा प्रदर्शन करना चाहते हैं।
मोहम्मद हाफिज़ और शोएब मलिक के अनुभव के साथ आमिर का जोश पाकिस्तान के लिए काम कर सकता है। इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुकी पाकिस्तान के लिए इस वर्ल्ड कप में भी टॉप 4 में पहुंचना इतना मुश्किल नहीं होगा।
ऑस्ट्रेलिया
पिछले वर्ल्ड कप में फतह हासिल करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को टॉप 4 में पहुंचने में ज़्यादा मुश्किल नहीं होनी चाहिए। एरोन फिंच और डेविड वॉर्नर की आक्रामक जोड़ी के साथ स्टीव स्मिथ का भरोसा वाकई में टीम ऑस्ट्रेलिया के अंदर उत्साह पैदा करता है।
ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोनिस किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकते हैं। मिशेल स्टार्क जब हवा में गेंद उछालते हैं, तब विरोधी टीम के बल्लेबाज़ों के होश उड़ जाते हैं। इसलिए ऑस्टेलिया आसानी से टॉप 4 में पहुंच सकती है
इन चार टीमों के अलावा नूज़ीलैंड और वेस्टइंडीज भी उलटफेर कर सकती है और बांग्लादेश कुछ और झटके दे सकती है, जिससे अन्य टीमों को नुकसान हो सकता है। तो इंतज़ार कीजिए क्योंकि विश्वकप रोमांच के चरम सीमा पर पहुंचने वाला है, जहां हर पल कुछ भी हो सकता है।