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पेड़ कटते रहेंगे और हम पसीने से तर पर्यावरण दिवस मनाते रहेंगे

हम वर्ष में एक दिन पर्यावरण दिवस मनाकर अपने कर्तव्य की इति कर लेते हैं, जबकि प्रदूषण निरन्तर बढ़ रहा है। एसी, फ्रिज, वाहन, कल कारखाने रोज़ ही बढ़ते चले जा रहे हैं और इसी के साथ बढ़ रही है पेड़ों की कटाई। ऑक्सीजन का दोहन निरन्तर जारी है लेकिन पेड़ लगाने की फुर्सत किसी को नहीं है। यदि सरकार कुछ पेड़ लगवाती भी है तो उनमें से एक चौथाई भी पेड़ तैयार नहीं हो पाते हैं, क्योंकि इनकी सुरक्षा व सिंचाई की समुचित व्यवस्था का अभाव है।

फोटो प्रतीकात्मक है। सोर्स- Getty

गर्मी की हालत यह है कि पारा 50℃ तक पहुंच रहा है। घर से निकलकर पेड़ों की शरण लेनी पड़ रही है, फिर भी हम इनके प्रति गम्भीर नहीं हैं। सरकार आरा मशीन का लाइसेंस बन्द कर चुकी है, किन्तु जगह-जगह इनका संचालन बेधड़क हो रहा है।

यदि जीवन बचाना है, तो पेड़ों के प्रति हमें गंभीरता से सोचना होगा।

निश्चित ही परिणाम उत्साहवर्धक आएंगे, वरना अगले साल फिर 5 जून को पसीने से तर लोग पर्यावरण दिवस मनाकर दूसरे दिन भूल जाएंगे।

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