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“स्पोर्ट्स में नेशनलिज़्म नहीं, राइवलरी चलती है यार”

बीते रविवार को हुए वर्ल्ड कप के मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 89 रनों से हरा दिया। इस मैच के बिल्डअप से लेकर रिज़ल्ट आने तक दोनों देशों के क्रिकेट-प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर जमकर माहौल बनाया। खूब मज़े लिए गए, छींटाकशी हुई और कई बार एक-दूसरे को गालियां भी मिलीं। भारत की जीत के बाद जहां पाकिस्तानी फैन्स ने अपनी टीम का मज़ाक बनाया, वहीं भारतीय जनता उत्साह से लबरेज होकर जोश दिखाती नज़र आई।

कई लोगों को भारतीय दर्शकों की उत्साह में की गई टिप्पणियां नहीं पसंद आईं। लोगों को लगा कि यह फैन कुछ ज़्यादा ही रिऐक्ट कर रहे हैं। कई जगह दलील दी गई कि बाकी मैचों की तरह इस मैच से भी 2 प्वाइंट ही मिले, तो फिर शोर किस बात की। लोगों ने जश्न मना रहे फैन्स को बुरा-भला कहा और उनकी हरकतों को राष्ट्रवाद का अतिवाद करार दिया। जैसा कि होना ही था, जीत के बाद जश्न मना रहे लोगों को यह बातें नागवार गुज़री और उन्होंने जश्न का विरोध कर लोगों को लताड़ा, एंटी-नैशनल तक करार दे दिया।

अब इन दोनों पक्षों की दलीलों को समझने के बाद जो मैं क्लियर कर पाया हूं वह यह है कि इन दोनों ही पक्षों ने राइवलरी नाम का शब्द या तो सुना नहीं है या फिर उसे समझ नहीं पाए। तो मुझे लगता है कि अब इन दोनों ही पक्षों को राइवलरी के बारे में कुछ बताया जाए।

फोटो सोर्स- Getty

दुनियाभर के खेलों में आम बात है राइवलरी

राइवलरी या फिर प्रतिद्वंद्विता का अर्थ होता है ‘competition for the same objective or for superiority in the same field’, अर्थात एक ही लक्ष्य या फिर एक ही फील्ड में बेहतर होने के लिए मुकाबला करना। दुनियाभर के तमाम खेलों में ऐसी राइवलरी आम बात है। यह दो देशों, दो राज्यों, दो शहरों या फिर एक ही शहर की दो टीमों के बीच भी हो सकती है। इटली की फुटबॉल लीग में खेलने वाली दो टीमें इंटर और AC मिलान के बीच ऐसी कड़ी प्रतिद्वंद्विता है कि उसके सामने भारत-पाकिस्तान के फैन्स का रिऐक्शन तो कुछ भी नहीं है।

एक ही शहर की यह दोनों टीमें एक ही स्टेडियम में खेलती हैं। इनके बीच होने वाले मैचों में फैन्स के बीच मारपीट होना बेहद आम है। ऐसा ही दो टर्किश फुटबॉल क्लब्स का हाल है। गैलटासराय एसके और फेनरबाशे एसके नाम के इन दोनों क्लबों के बीच हुए पहले ही मुकाबले में प्लेयर्स पिच पर आपस में भिड़ गए थे, मारपीट के चलते यह मैच कैंसिल करना पड़ा था। रियल मैड्रिड और बार्सिलोना जैसे क्लब जिनके बीच होने वाले मुकाबले इस दुनिया में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले इवेंट्स में से एक हैं, मैनचेस्टर यूनाइटेड बनाम लिवरपूल।

इतना ही नहीं क्रिकेट में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच की क्रिकेट राइवलरी में भी नफरत का स्तर बेहद ज़्यादा है। अभी इंग्लैंड में चल रहे वर्ल्ड कप में इंग्लिश फैन्स ने स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर को जमकर ट्रोल किया था।

लैटिन अमेरिका में तो राइवलरी के चलते मैदान में या उसके बाहर कत्ल तक हो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि देशों में बस भारत-पाकिस्तान का हाल ऐसा है। स्वीडन-फिनलैंड, इंग्लैंड-अर्जेंटीना जैसे तमाम देश हैं, जो मैदान पर प्वाइंट्स के लिए नहीं बल्कि नफरतों को संतुष्ट करने के लिए उतरते हैं।

सिर्फ क्रिकेट और फुटबॉल ही क्यों, तमाम गेम्स में ऐसी राइवलरी बेहद आम है। कई मशहूर राइवलरी पर्सनल लेवल पर भी हुई हैं। जैसे जो फ्रेजर और मुहम्मद अली, पीट सैम्प्रास और आंद्रेस अगासी, F1 ड्राइवर्स आर्यटन सेना और एलन प्रोस्ट, बॉक्सर्स जो लुइस और मैक्स स्मेलिंग, क्रिस एवर्ट और मार्टिना नवरातिलोवा, बॉक्सर माइक टायसन और इवांडर होलीफील्ड, बॉक्सर फ्लॉयड मेवेदर और मैनी पैक्याओ।

यहां मैच के प्वाइंट्स से ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है सामने वाली टीम को हराना। इस हार से मिलने वाले सुकून से बढ़कर कुछ नहीं होता। अक्सर राइवलरी में लोग हदें लांघ जाते हैं और हम उसका सपोर्ट बिल्कुल भी नहीं कर रहे लेकिन राइवलरी में इतना स्कोप तो होना ही चाहिए कि सोशल मीडिया पर थोड़ा वाइलेंट सेलिब्रेशन किया जा सके।

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