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क्या तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाएं सशक्त होंगी?

यह सवाल पिछले कई महीनों से मेरे दिमाग में चल रहा है। क्या तीन तलाक बिल पास होने से मुस्लिम महिलाएं सशक्त और मजबूत होंगी ? अगर इस कानून से देश की मुस्लिम महिलाएं मजबूत और तीन तलाक जैसे फैसलों का शिकार नहीं होंगी, तो वाकई में यह कानून अब तक की सबसे अच्छा कानून है। देश में तीन तलाक कानून आते ही देश की मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक जैसे फैसलों का शिकार नहीं होंगी।

 

वैसे आपको बता दें, तीन तलाक इस्लाम धर्म का एक छोटा हिस्सा है। जिसे इस्लाम के धर्म गुरू अपने अनुसार समय-समय पर मुस्लिम समाज में परोसते आएं है। अगर आम भाषा में बोला जाएं, तो तीन तलाक का मतलब यानि एक मुस्लिम पति अपनी पत्नी को अपने अनुसार कभी भी-कहीं भी तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोलकर तलाक दे सकता है। चाहे उसकी पत्नी किसी भी हालत में हो, वह सहमत हो या नहीं हो। ऐसे में यह बिल इन महिलाओं को इंसाफ दिलाने का काम करेंगा।

 

जब समाज में इंसाफ की बात हो, तो इंसाफ सभी के लिए क्यों नहीं ? क्या इंसाफ सिर्फ एक धर्म, जाति तक सीमित रह जाएगा ? नहीं..! देश को सभी धर्म, जाति, नारी, पुरुष को एक समान नजरिए से देखने की जरूरत है।

जिससे हमारा देश विश्व में अन्य देशों के मुकाबले मजबूत और सशक्त हो सकें। देश में सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होता, क्योंकि हम कानून को सिर्फ गरीब जनता तक ही सीमित रखते है। चाहे कानून कोई सा भी क्यों ना हो। हर कानून का हाल यहीं हैं। अगर मेरी बातें में आपको जरा-सा भी झूठ लगता है, तो आप खुद इतिहास उठाकर देख लीजिए।

 

हमारे देश की सबसे गंभीर बीमारी हमारी मानसिकता है। हम सिर्फ अपने स्वार्थ तक ही सीमित रहते है। हम नियम, कानून दूसरों को बताते जरूर है, मगर हम उन कानूनों को खुद नहीं मानते। जिसके लिए भी हम खुद जिम्मेदार है। जरा सोचो आज भी हम हिंदू-मुस्लिम और जातिवाद का शिकार हो रहे है। आज भी देश के कई युवा को अपने अधिकार तक पता ही नहीं है, जबकि कई युवाओं का नौकरी के नाम पर शोषण हो रहा है।

 

देश को ऐसे कानून की जरूरत है, जो सबसे हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया हो और सबसे लिए बराबर अधिकार वाला हो। जिससे देश में समानता और जागरूकता आएगी। जो देश के विकास और मजबूती के लिए बेहद ही जरूरी है। देखना होगा तीन तलाक कानून से मुस्लिम समाज की महिलाओं में जागरूकता आती है या फिर तीन तलाक का सिलसिला धर्म के आड़ में यूं ही फलता-फूलता रहेगा, बाकि तो आने वाला वक्त ही बता पाएंगा। यह कानून कितना सफल होगा।

 

Deepak Kohli

 

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