बच्चों को कैसे विकसित करें? कैसे उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाया जा सकता है? बच्चों को सबसे आगे कैसे लाएं? उनके लिए सबसे ज़्यादा क्या ज़रूरी है? आज के युग में ऐसा लगता है कि बच्चों का एक ही लक्ष्य है, परीक्षा में 90% से ज़्यादा नंबर लाना।
संदेश साफ है, मतलब जीवन की सबसे बड़ी तैयारी और ज़रूरत यही है। इसके अलावा कुछ भी काम की चीज़ है ही नहीं! बाकी सब बेमानी है। नैतिक मूल्य, ईमानदारी, खेलकूद और संगीत आदि कोई मायने नहीं रखते।
क्या जीवन में सिर्फ अच्छे नंबर ले आना और एक बड़ी सी नौकरी पा लेना काफी है? सच्चाई तो यह है कि बच्चों का संपूर्ण विकास ज़रूरी है। जब चारों ओर बहुत सारे नंबर लाने का ही बोलबाला हो, तो बच्चों पर दबाव कैसे नहीं होगा?
बच्चों को संपूर्ण विकसित कैसे किया जाए?
- बच्चों को बताया जाए कि सिर्फ नंबर लाना ही महत्वपूर्ण नहीं है। उन्हें नंबर लाने के अलावा और भी बातें सिखाई जाए।
- माता-पिता सप्ताह में कम-से-कम कुछ समय बच्चों के साथ गुज़ारें। उनके साथ उनकी ही बातें करें और उनकी बातें भी सुनें।
- बच्चों को तनाव में जाने से रोके। उन पर अनावश्यक दबाव ना डालें।
- किसी भी विषय में कम नंबर आने पर उन्हें भला बुरा ना सुनाएं। उन्हें प्यार से समझाएं और पुन: प्रयास करने के लिए प्रेरित करें।
- बच्चों को किसी दूसरे से तुलना करने से बचे। तुलना करना उन्हें कमज़ोर बनाता है।
- बच्चों को खेल में भाग लेने के लिए कहें। सप्ताह में कम-से-कम दो या तीन बार खेल में भाग लेने दें। खेलना बच्चों के लिए बहुत ज़रूरी है। इससे उनका बहुमुखी विकास होता है।
- कहानियों द्वारा बच्चों को नैतिक मूल्यों को सिखाने का प्रयास करें।
- माता-पिता दिन में एक बार बच्चों के साथ भोजन करें।
- बच्चों को प्रोत्साहन दें ताकि वे जीवन के हर मुश्किल काम को करने का साहस रखें। उन्हें सबसे ज़्यादा इसी की ज़रूरत है।
- सबसे बढ़कर उन्हें अपना निशर्त प्यार दें। आपका प्यार उन्हें जीवन का सामना करने योग्य बनाएगा।