क्रिकेट में कैप्टन कूल के नाम से जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी का नाम जबसे आम्रपाली ग्रुप के केस में आया है, तब से मीडिया में हलचल बढ़ गई है। पूरे देश की निगाहें इस मसले पर हैं कि आखिर भगवान की तरह पूजे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी का नाम किसी विवाद से कैसे जुड़ सकता है? लोग जानना चाहते हैं कि पूरा मसला क्या है और क्या इस पूरे प्रकरण में महेंद्र सिंह धोनी भी दोषी हो सकते हैं?
आम्रपाली समूह पर घर खरीददारों से लाखों रुपये लेकर उन्हें घर मुहैया ना कराने का फ्रॉड का आरोप है। वहीं सुप्रीम कोर्ट, जिसने आम्रपाली समूह पर जांच के आदेश दिए हैं और नैशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन को आम्रपाली समूह के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरे करने का ज़िम्मा दिया है।
अब धोनी और उनकी पत्नी साक्षी का नाम इस प्रकरण में कुछ ऐसे आता है
- साक्षी जो कि माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक और 25 फीसदी की मालिक हैं, उन्हें आम्रपाली समूह द्वारा पैसा पहुंचाया गया।
- सुप्रीम कोर्ट में जो ऑडिट की रिपोर्ट पेश की गई है, उसमें कहा गया है कि यह पैसे उन्हीं घर खरीददारों के थे, जो आम्रपाली समूह ने घर बनाने के नाम पर लिए थे।
एक और दिलचस्प बात जो निकलकर सामने आई है वो यह है
- माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में 75 फीसदी की हिस्सेदारी आम्रपाली समूह के सीएमडी अनिल कुमार शर्मा की है।
- सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई आम्रपाली समूह की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनी भी आम्रपाली समूह की उन 47 कंपनियों में शामिल है, जिन्हें कंपनी से पैसा मिला था।
आखिर इन सबकी शुरुआत कहां से हुई?
इन सबकी शुरुआत तब हुई, जब महेंद्र सिंह धोनी आम्रपाली समूह नाम की एक रियल एस्टेट कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर बने। धोनी करीब 6 से 7 साल इसी कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर रहे और इसके लिए उन्होंने कई विज्ञापन किये। इसके बाद 2016 में जब कुछ लोगों ने धोनी को सोशल मीडिया पर टैग करना शुरू किया और कहने लगे कि या तो इसकी एडवरटाइजिंग छोड़ दो या फिर उनके अधूरे घर बनवा दो। बढ़ते विवाद को देखते हुए महेंद्र सिंह धोनी ने आम्रपाली समूह के ब्रांड एम्बेसडर का पद छोड़ दिया।
फिर पिछले ही साल महेंद्र सिंह धोनी ने आम्रपाली समूह के ऊपर अपने बकाया का भुगतान ना करने को लेकर केस कर दिया। यह केस हालांकि रीती स्पोर्ट्स द्वारा दर्ज़ कराया गया था मगर यह महेंद्र सिंह धोनी के लिए ही था। आपको बताते चले कि रीती स्पोर्ट्स एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी है, जिसमें धोनी की बड़ी हिस्सेदारी है।
- केस में आम्रपाली समूह द्वारा करीब 150 करोड़ का बकाया भुगतान ना करने की बात कही गई थी।
- अब जो ऑडिट रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें कहा गया है कि आम्रपाली समूह द्वारा 2009 से लेकर 2015 तक रीती स्पोर्ट्स को धोनी के लिए तकरीबन 42.22 करोड़ रुपये का भुगतान किया,
- जिसमें से 6.52 करोड़ उन्हीं घर खरीददारों का है, जिसे आम्रपाली समूह घर उपलब्ध नहीं करवा पाया।
- उस रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि यह 6.52 करोड़ की रकम गैरकानूनी तरीके से ट्रांसफर किए गए।
अब साक्षी धोनी का नाम एक और बार इस प्रकरण में तब सामने आता है, जब यह देखा जाता है कि रांची में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए साक्षी की कंपनी माही डेवलपर्स और आम्रपाली समूह ने हाथ मिलाया था और उनके बीच एक एमओयू यानी कि मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर भी हस्ताक्षर किया गया था। हालांकि यह एमओयू कभी भी ऑडिटर्स को नहीं सौंपी गई।
अब सुप्रीम कोर्ट ने तो रियल इस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट के तहत आम्रपाली समूह का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। अब यह देखना बाकी है कि क्या महेंद्र सिंह धोनी जो कि क्रिकेट फील्ड में अपनी रणनीति के लिए जाने जाते हैं उनपर और उनकी पत्नी साक्षी पर कोई कार्रवाई होती है? अगर ऐसा वाकई होता है तो कैप्टन कूल की बेदाग छवि हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
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सोर्स- BBC Hindi, India Today