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कविता: पेड़ तो कट गए, चिड़िया, अब कहां जाओगी?

पेड़ तो कट गए

चिड़िया, अब कहां जाओगी?

 

जिस डाली में तुम्हारा घोंसला था,

वह तो उजड़ गया

चिड़िया, अब कहां जाओगी?

 

चौड़ी सड़के, ऊंचा मकान

ना खेत, ना खलिहान

अब कहां बारिश से पहले धूल में नहाओगी

चिड़िया, अब कहां जाओगी?

 

अब दाना पानी नहीं मिलेगा

अब लोग सब कुछ खा जाते हैं

एक घर में चार-चार एसी लगाकर

बाहर गर्मी-गर्मी चिल्लाते हैं

तुम कहां से एसी लाओगी

चिड़िया, अब कहां जाओगी?

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