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एक्वेरियम फिश पालते समय रखें इन बातों का ध्यान

एक्वेरियम फिश आजकल बाज़ार में बहुत प्रचलित है। इनका इस्तेमाल घर, ऑफिस तथा होटलों की शोभा में चार चांद लगाने के लिए किया जा रहा है। जुलाई से सितंबर तक मॉनसून का महीना होता है, जिसमें सभी प्रकार की वस्तुओं को विशेष रूप से देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर आप अपने घर या ऑफिस में एक्वेरियम फिश रखते हैं, तो अनेक प्रकार की चीज़ों का ख्याल ज़रूर रखें, जैसे कौन सी मछली किस तरह व्यवहार करती है और किन-किन मछलियों को एक साथ रखा जा सकता है।

मछलियों को कम मात्रा में दाना डालें

खास ध्यान रखें कि अगर मछलियां एक से दो मिनट में दाना खत्म कर रही हैं, तो बचे हुए दानों को एक्वेरियम से बाहर निकाल लें। बचे हुए खाने की वजह से पानी का स्तर गिरने का खतरा बना रहता है, जिससे मछलियों में बीमारी फैलने की संभावना रहती है। अगर आप लंबी छुट्टी पर जा रहे हैं तो हॉलिडे फूड का इस्तेमाल करें जो मछलियों को रोग प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है।

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बारिश के मौसम में कैसे रखें ध्यान?

बारिश के मौसम में ट्रॉपिकल मछलियों को उचित तापमान (27℃) उपलब्ध कराने के लिए एक्वेरियम में हीटर का इस्तेमाल करें। इससे मछलियों में मेटाबोलिज़्म अच्छा बना रहता है। हीटर के साथ पंप का इस्तेमाल करें जो एक्वेरियम के पानी में ऑक्सीजन की उचित मात्रा बनाए रखता है। अगर आपने फाइटर मछली (बीटा फिश) पाली है, तो पंप की अधिक आवश्यकता नहीं है।

एक्वेरियम में फिल्टर का इस्तेमाल

एक्वेरियम में फिल्टर का भी इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी है। यह सॉलिड वेस्ट की सफाई में मदद करता है। फिल्टर के इस्तेमाल के बावजूद यह ज़रूरी है कि आप हर 15-20 दिन में एक्वेरियम की पूरी साफ-सफाई करें और हफ्ते में एक से दो बार 30-50% पानी बदलें। ताज़ा पानी का इस्तेमाल ना करें और पानी में एक्वेरियम सॉल्ट मिलाएं। कई बार ठीक तरह से देखभाल नहीं करने पर मछलियों को फंगल इंफेक्शन हो जाता है। इसका इलाज मेलाकाइट ग्रीन फिश से करें। आप मछलियों के इंफेक्टेड फिन को ट्रिम भी कर सकते हैं।

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