कट मनी पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा विवाद है, जो लोगों के लिए फासीवाद बन गया है। आइए जानते हैं, आखिर क्या है यह पश्चिम बंगाल में 10% कमीशनखोरी का ममता बनर्जी का मॉडल?
कट मनी एक अवैध कमीशनखोरी है, जो पार्टी के कार्यकर्ता आम लोगों से प्राप्त करते हैं, सरकारी योजनाओं के बदले। कट मनी का चलन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुरू किया था।
कट मनी वसूलने के नियम और तरीके
बंगाल में सरकारी फायदे चाहिए तो कट रेट फिक्स है।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत घर चाहिए तो 25 हज़ार तक कट मनी का रेट है।
- सरकारी टॉयलेट में अगर 18 हज़ार रुपए चाहिए तो 3600 पहले ही कट मनी में कट जाएंगे।
- वृद्धा और विधवा पेंशन वालों से भी 200 रुपए तक वसूलने की बात सामने आ रही।
ममता बनर्जी द्वारा लोगों को कट मनी वापस करने का ऐलान
अब जब तृणमूल कॉंग्रेस मुश्किल समय से गुज़र रही है, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों का कट मनी वापस करने का ऐलान किया है। टीएमसी की मुश्किलें तब बढ़ी, जब बीजेपी ने बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत दर्ज कर ली। 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणाम टीएमसी के कार्यकर्ताओं के लिए चुनौती बनकर सामने आए हैं। जबसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों का कट मनी वापस करने का ऐलान किया है, तबसे टीएमसी के कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया जा रहा है।
आम जनता मुख्यमंत्री आवास के सामने नारेबाज़ी और आंदोलन कर रही है। हुगली निवासी ममोनी सरदार ने बीते साल दिसंबर में 550 रुपए कट मनी के रूप में जमा किया था ताकि वह उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन ले सके। इस विषय पर सरदार ने अपने मीडिया बाइट में कहा,
मुझे लगा कि यह रकम मुझसे एलपीजी के कनेक्शन के लिए लिया जा रहा है। बाद में मुझे पता चला कि उज्जवला योजना के अंतर्गत मुझे कोई राशि जमा नहीं करनी थी। मुझे मेरा पैसा वापस चाहिए।
कट मनी एक घोटाला है
हर योजना के अंतर्गत पार्टी के नेताओं और पंचायत कार्यकर्ताओं के बीच एक लिंक सिस्टम है, जिसके ज़रिए वे कट मनी निश्चित करते हैं। मनरेगा योजना के तहत कर्मचारियों को रोज़गार प्राप्त करने के लिए 20-40 रुपए रोज़ाना देना होता है, वही उन्हें 190 रुपए रोज़ाना मिलते हैं। इस पर एक किसान ने कहा कि उसने लोकल टीएमसी कार्यकर्ता को 7000 रुपए दिए ताकि उसका घर बन सके।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने भी कट मनी को लेकर ममता सरकार को घेरा और इसे एक घोटाला बताया। कट मनी को लेकर ममता बनर्जी एक गहरे राजनीतिक संकट में दिखाई पड़ रही हैं।