हम बात कर रहे हैं बरेली के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा की, जो अपने ही पिता से बचकर भाग रही है। आपको बता दें कि साक्षी ने एक दलित लड़के अजितेश से शादी कर ली थी, लेकिन अपने विधायक पिता और उनके लोगों से अपनी जान का खतरा महसूस होते देख यह जोड़ा इधर-उधर भागने पर मजबूर हो गया है।
इस दौरान जब इन दोनों को किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली, तब अंत में उन्होंने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो में साक्षी ने अपने पिता से अपने और अपने पति की जान को खतरा बताया।
साक्षी मिश्रा
फोटो क्रेडिट – सोशल मीडिया
इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर कोहराम मच गया। सब लोग अपनी-अपनी राय बनाकर कमेंट करने लगे। यहां मैं उन लोगों की बात कर रही हूं, जो लोग साक्षी को गाली दे रहे हैं और अपने पिता की इज्ज़त उछालने की बाते कर रहे हैं।
दरअसल, ये वही लोग हैं जो समय-समय पर अपनी राय बदलते रहते हैं। अगर कोई प्रेमी युगल फिल्मों में शादी कर लेता है, तो यही वे लोग हैं, जो सीटियां और तालियां बजाते हैं, लेकिन अगर वही बात असल ज़िंदगी में हो जाए तो गालियां देते हैं।
ये है आज के लोगों की दोहरी नीति। खुद को समाजवादी ,राष्ट्रवादी ,सत्यवादी, अहिंसावादी और ना जाने क्या- क्या कहने वाला यह समाज ऐसी हत्याओं के खिलाफ खड़ा भी नहीं होता है।
झूठी शान-औ-शौकत के लिए ना जाने कितने लोगों की जान की बलि चढ़ा दी जाती है और कितने रिश्तों का गला घोंट दिया जाता है। यह बड़ी ही शर्म की बात है कि हम इतने पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी धर्म तथा जात- पात की बातें करते हैं और आपस में भेद-भाव करते हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2015 के आंकड़ों के अनुसार 2015 में ऑनर किलिंग के 251 मामले सामने आए।
अंतरजातीय विवाह की वजहों से कर दी जाती हैं हत्याएं
- अभी कुछ ही दिन पहले ही गुजरात के एक युवक हरेश सोलंकी की हत्या अंतरजातीय विवाह की वजह कर दी गई। हरेश सोलंकी अनुसूचित जाति का लड़का था, जिसने ऊंची जाति की लड़की उर्मिला से शादी की। उसके बाद उर्मिला के घर वालों ने मिलकर हरेश को जान से मार दिया। बिना यह सोचे कि उर्मिला गर्भवती है।
- ऐसी और ना जाने कितनी जानें गई हैं। अभी 4 जुलाई को तमिलनाडु के तूतीकोरिन में एक पिता ने धारदार हथियार से कमरे में सो रही अपनी गर्भवती बेटी और उसके पति को बेरहमी से मार दिया। वजह थी अंतरजातीय विवाह।
- वही इंदौर के रावद गांव में एक नाबालिक भाई ने गर्भवती बहन की गोली मारकर हत्या कर दी। यहां भी कारण था, बहन का एक अनुसूचित जाति के लड़के से शादी करना।
अगर साक्षी की तरह इन बेटियों ने भी घरवालों पर भरोसा ना करते हुए खुद के लिए कदम उठाए होते, तो आज शायद ये ज़िंदा होती। ऐसी एक नहीं ना जाने कितनी घटनाएं हैं, जहां लोग एक छोटे से समाज में अपनी झूठी इज़्जत के कारण, अपनों के ही जान के दुश्मन बन जाते हैं। जिन हाथों से बचपन में खिलाते हैं, उन्हीं हाथों से ये मॉं-बाप अपने बच्चों का गला घोंट देते हैं।
आखिर यह कब समझेंगे कि अपनों को मारकर इज़्ज़त वापस नहीं आती है।
हम सब एक ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां लोग मर जाएं तो आंसू बहाते हैं लेकिन जब वे ज़िंदा रहते हैं, तब उनकी कद्र करने की बजाय गाली देते हैं।