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इस अनमोल ज़िंदगी को बचाने के लिए ज़रूरी है ट्रैफिक नियमों का पालन करना

ट्रैफिक

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हमारे देश में लगभग 1.5 लाख लोग हर साल सड़क दुर्घटना में मौत का शिकार होते हैं। यह बेहद गंभीर आंकड़ा है, जहां लाखों लोग अकस्मात मौत के मुंह में चले जाते हैं और कितने ही लोग अपने घर के सदस्यों को खो देते हैं। देश को सड़क हादसे में कितने जान-माल का नुकसान हो रहा है, इससे जुड़ी एक रिपोर्ट सितंबर, 2017 में जारी की गई थी।

ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री की रिपोर्ट बेहद डराने वाली है। खास बात यह भी है कि साल 2016 में अधिक्तर रोड एक्सीडेंट दोपहर में ही हुए हैं। रिपोर्ट बताती है कि कुल 480652 एक्सीडेंट्स में से 85,834 यानि 35% दोपहर 3 बजे से लेकर 6 बजे के बीच हुए। 

रोड एक्सीडेंट के मुख्य कारण

हमारे देश में सड़क दुर्घटनाओं के अनेक कारण हैं-

  1. सबसे बड़ा मुख्य कारण है कि हमारे देश मे ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया जाता है। दिल्ली और गुरुग्राम जैसे मेट्रो शहरों में भी हर दिन लोग सड़क पर चोटिल होते हैं या एक्सीडेंट में मारे जाते हैं।
  2. सबसे बड़ी समस्या इन शहरों में आबादी है, जहां नौकरी की चाहत में दूर दराज़ से लोग मेट्रो शहरों का रुख करते हैं फिर काम का प्रेशर और ऑफिस जाने की जल्दबाज़ी में तेज़ रफ्तार में गाड़ी या बाइक चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं में इज़ाफा होता है।
  3. तीसरा मुख्य कारण है अतिक्रमण। आधी रोड पर लोगों ने दुकानों को आगे बढ़ाकर कब्ज़ा कर रखा है, जिससे सड़क का कुछ हिस्सा ही चलने और ट्रैफिक के लिए बचता है। सड़क पर जगह ना होने के कारण जाम की समस्या होती है। 
  4. चौथी मुख्य समस्या है अवैध पार्किंग। लोग सड़कों पर अपनी कार पार्क करते हैं। बाज़ारों में भी लोग सड़कों और दुकानों के आगे बनी रोड पर अपनी कार या बाइक पार्क करके रोड को जाम कर देते हैं। जिसकी वजह से गाड़ी निकालने के समय भी दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है ।
  5. पांचवी मुख्य समस्या है, फुटपाथ और फुट ओवर ब्रिज की कमी। जिसकी वजह से ज़्यादातर दुर्घटनाएं सड़क पार करते समय होती हैं।
  6. ट्रैफिक नियमों और हैलमेट का प्रयोग ना करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाओं में हर दिन सैकड़ों  लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं।

रोड सेफ्टी के सुझाव और उपाय

  1. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और हमें जागरूकता अभियान चलाना होगा।
  2. नाबालिगों का लाइसेंस सख्ती से चेक करें और अगर वह बिना लाइसेंस बाइक या कार चलाते पकड़े जाएं तो उनपर सज़ा का प्रावधान होना चाहिए।
  3. सड़कों की देखभाल के लिए युद्ध स्तर पर योजनाएं आनी चाहिए, जिससे सभी सड़कें दुरुस्त और गड्ढे मुक्त हो।
  4. नालों की नियमित सफाई होनी चाहिए। मैनहोल के ढक्कन लगे होने चाहिए। सरकार को हर शहर और मोहल्ले में एक टीम बनानी चाहिए, जो स्वयं सेवी संस्थाओं और जनता के साथ मिलकर इस मुहिम में साथ दें।
  5. ट्रैफिक सिग्नल चालू हालत में होने चाहिए। सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस सतर्क होनी चाहिए।
  6. फुटपाथों और सबवे ज़्यादा से ज्यादा बनाने चाहिए, जिससे बच्चों और बज़ुर्गों को दुर्घटना का शिकार ना होना पड़े।
  7. देश में वाहनों की संख्या पर भी लगाम लगाने के लिए कानून बनाया जाए।
  8. आजकल छोटे-छोटे बच्चे स्कूटी चलाते हैं, इनके लिए भी सख्ती से कानून बनाने की ज़रूरत है।
  9. साइकिल सवारों के लिए अलग ट्रैक बनाने पर ज़्यादा ज़ोर दिया जाना चाहिए।
  10. समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाना जाया चाहिए। बच्चों को रोड सेफ्टी के बारे में बचपन से ही जागरूक करना चाहिए।

ज़िंदगी बहुत अनमोल है। सड़क हादसों में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए बहुत मुश्किल घड़ी होती है क्योंकि एक हादसा परिवार की खुशियों को निगल लेता है। देश के नागरिक होने के नाते हमें भी सरकार के साथ रोड सेफ्टी के उपाय और रोकथाम के बारे में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

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