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कविता: थकी हुई औरतों की आहट

 

थकी हुई औरतों की आहट

दुनिया का सबसे बोझिल संगीत होता है,

इतना कि उसे कोई भी सुनना नहीं चाहता।

ये अलग बात है कि

औरतों को घर लौटते देखना

सब पसंद करते हैं।


थकी हुई औरतों की आंखों में जमा होता है

पूरे शहर को भिगो देने भर पानी,

बस एक स्नेहिल स्पर्श पर बंधा

इसीलिए कोई नहीं चूमता उन्हें माथे पर।

 

थकी हुई औरतों के हाथों बने खाने में,

घुल जाता है उनकी थकन का नमक,

देता है अलग ही स्वाद,

जिसे वो प्यार का नाम दे देते हैं

और ढाल लेते हैं अपनी जीभ का स्वाद।


थकी हुई औरतों की नींदों में,

सपनों की जगह सुबहें आती हैं

इसीलिए कभी नहीं जाग पाती तारिकाओं की तरह

सूजी हुई आँखों के साथ एक और दिन

जीतने निकल पड़ती हैं।

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